Home बालाघाट 169 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगें

169 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगें

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सुनील खोब्रागढे
(ब्यूरो चीफ

बालाघाट- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का 06 मई 2022 को किरनापुर आगमन हो रहा है। स्वर्गीय दिलीप भटेरे शासकीय महाविद्यालय किरनापुर में आयोजित कार्यक्रम में वे बालाघाट जिले के 168 करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगें। इस अवसर पर जिला स्तरीय स्वास्थ्य मेले एवं आजीविका मिशन की महिलाओं का सम्मेलन भी आयोजित किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान किरनापुर में आयोजित कार्यक्रम में बालाघाट जिले में विभिन्न विभागों द्वारा पूर्ण किये गये 136 करोड़ रुपये की लागत के 27 निर्माण कार्यो का लोकार्पण करेंगें। इनमें म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के 16.52 करोड़ रुपये की लागत के 04 कार्य, म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड का 84.09 करोड़ रुपये का एक कार्य, लोक निर्माण विभाग पीआईयू के 8.25 करोड़ रुपये की लागत के 08 कार्य, जल संसाधन सर्वेक्षण विभाग के 16.62 करोड़ रुपये की लागत का एक कार्य, लोक निर्माण विभाग के 6.04 करोड़ रुपये की लागत के 07 कार्य एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 3.93 करोड़ रुपये की लागत के 06 कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा इस कार्यक्रम में 33 करोड़ रुपये की लागत के 12 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया जायेगा । इनमें लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण के 23.61 करोड़ रुपये की लागत के 02 कार्य, नगर परिषद कटंगी के 2.90 करोड़ रुपये की लागत के 02 कार्य, लोक निर्माण विभाग के 3.39 करोड़ रुपये की लागत के 04 कार्य, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग का 98.36 करोड़ रुपये की लागत का एक कार्य, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के 01.12 करोड़ रुपये की लागत के 02 कार्य एवं महिला बाल विकास विभाग का 48 लाख रुपये की लागत का एक कार्य शामिल है ।
बालाघाट जिले में किये गये नवाचार
बालाघाट जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं द्वारा विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियां की जा रही है। आजीविका मिशन की महिलाओं के 13 समूहों द्वारा इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का कार्य किया गया है और 02 समूहों को गेहूं एवं चना उपार्जन का कार्य सौंपा गया है। बालाघाट जिले में नवाचार के तहत जनजातीय कल्याण विभाग द्वारा जिले में संचालित 06 संस्थाजओं में एकलव्य विद्यालय, आदर्श आवासीय विद्यालय एवं कन्या शिक्षा परिसर में बच्चों के लिए मेस संचालन का कार्य सौंपा गया है। अब तक इन संस्थाओं में मेस संचालन का कार्य प्रायवेट लोगों द्वारा किया जाता था। लेकिन अब यह काम महिलाओं के समूहों ने अपने हाथों में ले लिया है।
महिलायें रोड रोलर से लिखेंगी विकास की नई कहानी
बालाघाट जिले में अब एक और नवाचार के तहत आजीविका मिशन की महिलाओं के समूहों की सड़क निर्माण कार्य में भागीदारी तय की जा रही है। जिले में महिलाओं के दो संकुल स्तरीय ग्राम संगठन को सड़क निर्माण में काम आने वाला रोड रोलर प्रदान किया जा रहा है। 06 मई को किरनापुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संगम महिला संकुल स्तरीय ग्राम संगठन परसवाड़ा एवं मातृधाम महिला आजीविका संकुल स्तरीय ग्राम संगठन लालबर्रा को रोड रोलर प्रदान किया जायेगा। मध्यप्रदेश में यह पहली बार हो रहा है, कि अब महिलाओं का समूह रोड रोलर चलाने का काम भी करेगा और महिलायें रोड रोलर के माध्यम से विकास की नई कहानी लिखेंगी।
जिले में मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत सड़कों का निर्माण किया जाता है और निर्माण के समय उनमें रोड रोलर चलाना होता है। लेकिन रोड रोलर की कम उपलब्धता के कारण समय पर सड़क का निर्माण नहीं हो पाता है या रोड रोलर के अभाव में कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होती है। लेकिन अब महिलाओं के ग्राम संगठन्‍ को रोड रोलर मिलने से उनके लिए आय का जरिया उपलब्ध होगा और सड़क निर्माण कार्य में रोड रोलर की कमी नहीं होगी। इस तरह से बालाघाट जिले की आजीविका मिशन की महिलायें रोड रोलर की मालिक बन कर सड़क निर्माण के क्षेत्र में हाथ आजमायेंगी। इससे महिला समूहों के निर्माण क्षेत्रों में आने के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।
मनरेगा के अंतर्गत 2.77 करोड़ रुपये के फिशयार्ड स्वीकृत
बालाघाट जिले में मनरेगा के अंतर्गत फिशयार्ड निर्माण के लिए नवाचार किया गया है और 02 करोड़ 77 लाख रुपये की लागत से जिले के 100 तालाबों में फिशयार्ड निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। फिशयार्ड निर्माण का कार्य भी प्रदेश में पहली बार बालाघाट जिले में प्रारंभ किया जा रहा है। फिशयार्ड में मछुआरों को अपने जाल एवं कपड़े सुखाने, मछलियों को उचित स्थान पर सुरक्षित रखने की सुविधा, रात्री विश्राम की सुविधा, लोकल कार्प मछलियों को सुखाने एवं स्मोकिंग की सुविधा, मछुआरों की बैठक आदि की सुविधा उपलब्ध रहेगी। फिशयार्ड बनने से मछुआरे आत्मसम्मान के साथ अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगें और उनकी जीवन स्तर अच्छा हो सकेगा।
बालाघाट मत्स्य उत्पादन के मामले में प्रदेश का अग्रणी जिला है। बालाघाट जिले में 01 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में मत्स्य पालन का कार्य किया जाता है और इससे 25 हजार मत्स्य पालकों को रोजगार मिल रहा है। जिले में 2020 ग्रामीण तालाबों, 239 सिंचाई जलाशयों, 1265 निजी तालाबों एवं 685 मनरेगा के तालाबों से 2500 मेट्रिक टन मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है। जिले में उत्पादित मछलियां पड़ोसी जिलों के साथ ही महाराष्ट्र के गोंदिया एवं नागपुर में भी विक्रय के लिए जाती है।