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केरा में गांधी जयंती पर सद्भावना शिविर का हुआ आयोजन गांधीजी का अहिंसा का सिद्धांत सभी के लिए अनुकरणीय- मंत्री श्री जायसवाल

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सुनील खोब्रागढे (ब्यूरो प्रमुख)

बालाघाट– 02 अक्टूबर का दिन भारत के लोगों के लिए गौरव का दिन है। आज 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लालबहादुर की जयंती मना रहे है। हमारा सौभाग्य है कि हम आज अपने दो-दो महापुरूषों को याद कर उन्हें श्रृद्धांजलि दे रहे है। उस जमाने में संचार के कोई साधन नहीं होने के बाद भी गांधीजी ने अहिंसा के सिद्धांत पर चलते हुए अंग्रेजों के विरूद्ध देश को एकजुट करने का मुश्किल काम किया था। उनका अहिंसा का सिद्धांत हम सभी के लिए अनुकरणीय है। यह बातें मध्यप्रदेश शासन के खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री प्रदीप जायसवाल ने गांधी जयंती के अवसर पर ग्राम केरा में आयोजित सद्भावना शिविर में ग्रामीणों को संबांधित करते हुए कही।
गांधी जयंती के अवसर पर वारासिवनी विकासखंड की ग्राम पंचायत भांडी के ग्राम केरा में आदिवासी विकास विभाग की ओर से सद्भावना शिविर का आयोजन किया गया था। इस अवसर आम जनता की समस्याओं को सुनने एवं उनका निराकरण करने के साथ ही उन्हें शासकीय योजनाओं की जानकारी भी दी गई । इस कार्यक्रम में जनपद पंचायत वारासिवनी के अध्यक्ष श्री चिंतामन नगपुरे, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रोहिणी हरिनखेड़े, वारासिवनी एसडीएम श्री संदीप सिंह, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री सुधांशु वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अश्विनी उपाध्याय, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ पी के अतुलकर, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री अशोक मेश्राम, अन्य विभागों के अधिकारी, पंचायत भांडी एवं आसपास की ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे। इस अवसर पर सामूहिक भोज का भी आयोजन किया गया था। जिसमें ग्रामीणों के साथ जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने भी भोजन किया। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए तैयार किया गया पौष्टिक केक भी काटा गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री जायसवाल ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए देश को जोड़ने का काम किया है। स्वर्गीय श्री लालबहादुर शास्त्री बहुत ही गरीब परिवार से थे और कठिन संघर्षों के बाद वे प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे। उनका जीवन सादगी भरा था। आजाद होने के बाद देश में अनाज का इतना उत्पादन नहीं होता था कि देश की आबादी का पेट पाल सकें। इसके लिए विदेशों से अनाज मंगाना पड़ता था। लालबहादुर शास्त्री जी ने जय जवान-जय किसान का नारा दिया और देश को इतना सक्षम बना दिया कि अब हमारे देश में अनाज की कमी नहीं पड़ती है। देश को आजादी मिलने के बाद डा आम्बेडकर ने सामाजिक समरसता के लिए काम किया और अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
आदर्श ग्राम बनने की ओर अग्रसर है ग्राम केरा
कार्यक्रम में कृषि विभाग की ओर से ग्राम केरा के किसानों को अनुदान पर सरसों बीज के मिनीकिट वितरित किय गये। कार्यक्रम में सहायक आयुक्त श्री सुधांशु वर्मा ने बताया कि ग्राम केरा आदर्श ग्राम बनने की ओर अग्रसर है और आदर्श ग्राम के सभी मापदंडों को पूरा कर रहा है। ग्राम केरा के 100 प्रतिशत बच्चों का स्कूल में प्रवेश है और सभी पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति मिल रही है। गांव के सभी किसानों को मृदा कार्ड मिल चुके हैं। गांव की सभी गलियों में पक्की सीमेंट-कांक्रीट की सड़के और नालियां बन चुकी है। केरा गांव में कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं है और सभी बच्चे आंगनवाड़ी में जाते है। गांव के सभी घरों में पक्का शौचालय है और सभी पात्र लोगों का संबल कार्ड बन गया है। केरा गांव के अधिकांश घरों में गोबर गैस से भोजन पकाया जाता है। गांव के सभी पात्र लोगों को पेंशन मिल रही है। केरा गांव में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार का कोई प्रकरण नहीं है। केरा गांव में नल-जल योजना पर भी काम चल रहा है और इस योजना के पूर्ण होने पर हर घर में नल कनेक्शन चालू हो जायेगा।