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मारुति अप्रैल 2020 से डीजल कारों की बिक्री बंद करेगी

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देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारूति सुजुकी ने डीजल कारों की बिक्री बंद करने का फैसला लिया है. मारूति ने कहा है कि वह अप्रैल 2020 से भारत में डीजल कारों की बिक्री बंद कर देगी.

कंपनी ने भारत स्टेज (बीएस) छह उत्सर्जन मानक अगले साल से लागू किए जाने के मद्देनजर यह फैसला लिया है.

सिर्फ डीजल वेरिएंट में आती हैं मारुति की ये कारें

कंपनी की कुल घरेलू बिक्री में डीजल वाहनों की हिस्सेदारी करीब 23 प्रतिशत है. कंपनी ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में 4.63 लाख डीजल कारों की बिक्री की थी.

कंपनी के विटारा ब्रेजा और एस-क्रॉस जैसे मॉडल अभी सिर्फ डीजल इंजन के साथ आते हैं. वहीं स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर, सियाज और अर्टिगा जैसी कारें डीजल के साथ पेट्रोल इंजन वेरिएंट में भी आती हैं.

कंपनी ने अगले साल से हल्के कॉमर्शियल व्हीकल सुपर कैरी के डीजल वेरिएंट की भी बिक्री बंद करने का फैसला किया है. यह वाहन अब केवल पेट्रोल और सीएनजी वेरिएंट में उपलब्ध होंगे.

‘1 अप्रैल 2020 से डीजल कारों की बिक्री बंद’

डीजल वाहनों के बारे में पूछे जाने पर कंपनी के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने कहा, ”एक अप्रैल 2020 से हम डीजल कारें नहीं बेचेंगे.”

हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर बीएस-छह मानक के डीजल कार की मांग आती है तो कंपनी इस दिशा में आगे बढ़ सकती है और इसके अनुकूल डीजल मॉडल विकसित कर सकती है. भार्गव ने कहा-

‘एक अप्रैल 2020 से हम डीजल कारों की बिक्री बंद कर देंगे. आगे बीएस-छह डीजल कारों के प्रति उपभोक्ताओं का रुख देखने के बाद अगर हमें लगा कि इन कारों का बाजार है तो हम कुछ ही समय में इस तरह की कार तैयार कर लेंगे.’

BS-VI की जरूरत क्या है?

गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार ने अहम फैसला किया है. BS का मतलब है भारत स्टेज और ये एमिशन नॉर्म्स हैं, यानी गाड़ियों से होने वाले उत्सर्जन के मानक. बीएस के आगे जो संख्या है- 2, 3, 4 या 6 उसके बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन (एमिशन) के बेहतर मानक जो पर्यावरण के अनुकूल हैं.

बीएस मानक देश का सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड- सीपीसीबी तय करता है और देश में चलने वाली हर गाड़ी के लिए इन मानकों पर खरा उतरना जरूरी है. इसके जरिए ही गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जाता है. बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर है, उस गाड़ी से होने वाला प्रदूषण उतना ही कम है.

सरकार इससे पहले एक अप्रैल 2017 से BS-IV लेवल को देश भर में लागू कर चुकी है. सरकार ने इस दिशा में आगे कदम उठाते हुए कई पक्षों से बातचीत के बाद BS-IV से सीधा BS-VI लेवल पर जाने का निर्णय किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में हो रही बेहतरी को भारत में भी अपनाया जा सके.