Home बालाघाट वन स्टाकप सेंटर ने परिवार को बिखरने से बचाया

वन स्टाकप सेंटर ने परिवार को बिखरने से बचाया

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ब्यूरोचीफ
सुनील खोब्रगढ़े-

बालाघाट–महिला एवं बालविकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री वंदना धूमकेती के मार्गदशन में प्रशासक सुश्री रचना चौधरी के वन स्टॉप सेंटर (सखी) द्वारा परिवारिक झगड़े में सतत परामर्श कर मदभेद को दूर कर दापंत्य जीवन पुनः स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई जा रही है। इसी कड़ी में वन स्टाधप सेंटर ने एक पीडि़त महिला को सहारा दिया है और उसका घर फिर से बसा दिया है।
यह कहानी है एकता एवं नित्यांश और बेटी उर्वी की (परिवर्तित नाम) । विवाह के कुछ समय पश्चात पति एवं ससुराल पक्ष के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा ससुराल पक्ष के द्वारा दहेज़ की लालसा दिनों-दिन बढ़ने लगी। पति नित्यांिश कोविड (लोकडाउन) के समय ज्यादा दहेज़ ना मिलने पर शराब पीकर एकता को मारपीट कर घर से निकाल देना, शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा, खाना ना देना, दहेज़ व पैसो की मांग कर परेशान किया जाने लगा व एक दिन नित्यांश द्वारा एकता को घर से बाहर निकाल दिया गया व बेटी को छीन लिया गया ।
परेशान एकता मायके गई वहां पर वन स्टॉप सेंटर का पता चलने पर उसने वन स्टॉप सेंटर में अपनी व्यथा बताई । वन स्टॉप सेंटर द्वारा नित्यांश को बुलाकर निरंतर मनोवैज्ञानिक, एकल व संयुक्त परामर्शदाता खुशबू गौतम द्वारा दिया गया । परामर्श में नित्यांश के माता-पिता को बुलवाकर समझाइश दी गई। परामर्श उपरांत नित्यांश के द्वारा अपनी मानसिकता व किये गए व्यवहार में सुधार व शराब का सेवन ना करने का आश्वासन दिया गया एवं परिवार द्वारा अपने किये गए व्यवहार के लिए माफ़ी माँगी गई। एकता द्वारा जानकारी दी गई है कि वह वर्तमान में गर्भवती है और पति पत्नि परिवार के साथ सुखमय दांपत्य जीवन का निर्वाह कर रहे है।