ब्यूरोचीफ
सुनील खोब्रगढ़े-
बालाघाट– -वारासिवनी-बेनी-साकड़ी-डांगुरली अंतर्राज्यीरय मार्ग पर वैनगंगा नदी पर उच्चं स्तररीय पुल बनकर तैयार हो गया है। 25 करोड़ रुपये की लागत से बना यह पुल बालाघाट जिले में वैनगंगा नदी पर बना सबसे लंबा पुल है। इस पुल की लंबाई 550 मीटर है और चौड़ाई 12 मीटर है।
वैनगंगा नदी पर वारासिवनी-बेनी-साकड़ी-डांगुरली अंतर्राज्यी य मार्ग पर पुल निर्माण की आवश्यीकता काफी दिनों से महसूस की जा रही थी। वैनगंगा पर इस स्था-न पर पुल नहीं होने से मध्युप्रदेश के बालाघाट जिले के बेनी, साकड़ी, सतोना, डोंगरमाली एवं अन्या ग्रामों के लोगों को नदी के दूसरी ओर महाराष्ट्र राज्यल के गोंदिया जिले के ग्रामों में आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। वैनगंगा नदी पर डांगोरली घाट पर पुल बनने से बालाघाट एवं गोंदिया जिले के सीमावर्ती ग्रामों के ग्रामीणों का आवागमन सुगम हो गया है। इस पुल का निर्माण होने से जिले के 9 ग्रामों की कुल 11 हजार 160 ग्रामीणों के गरीबी उन्मुीलन, शैक्षणिक एवं समाजिक विकास में मदद मिलेगी। इस पुल का महाराष्ट्र राज्यम के निवासियों को भी लाभ होगा और वर्षभर यातायात सुलभ होगा, जिससे क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।
सेतु निर्माण संभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री सनोडिया ने बताया कि वैनगंगा नदी के बेनी-साकड़ी-डांगुरली अंतर्राज्यीयय मार्ग पर बना यह पुल आकर्षक है । यह पुल के लिए 24 पिलर बनाये गये है। इस पुल के लिए भारत सरकार के परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जुलाई 2018 में प्रशासकीय स्वीवकृति प्रदान की गई थी। इसका निर्माण कार्य 16 मार्च 2023 को पूर्ण हो चुका है। पुल के लोकार्पण के बाद इस पुल से आवागमन प्रारंभ हो जायेगा और बाढ़ की स्थिति में भी आवागमन प्रभावित नहीं होगा। डोंगरमाली, बेनी, साकड़ी, लावनी, फुटारा, सतोना, बिटोड़ी आदि ग्रामों के लोगों को अब महाराष्ट्रर राज्या के गोंदिया या तिरोड़ा जाने के लिए अधिक दूरी का चक्क,र नहीं लगाना पड़ेगा। इस पुल के बनने से इन ग्रामों के ग्रामीणों का समय एवं आर्थिक व्यरय भी बचेगा।