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पलास का पेड की नई शाखाए…

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बारिश आते ही पलास का पेड की नई शाखाए निकला शुरु हो गया है जो अत्यधीक सुन्दर दिखती है इसके पत्तों को कई प्रकार से उपयोग में लाया जाता है जैसे दोना, पत्तल, औषधी के रुप में भी लाया जाता है। यह अधिकतर खेतों में देखने को मिलता है। पलास के पेडों की जड़ों से अनेक प्रकार के रस्सी, जानवरों को बांधने के लिए रस्सी (दावा) का भी उपयोग किया जाता है। पलास के फूल भी हम सभी को बेहद पसंद होते हैं। उनकी भीनी खुशबू, उनका खूबसूरत रंग सभी के मन को भाता है। भगवान को चढ़ाने से लेकर विभिन्न दवाइयों तक फूलों का उपयोग कई तरह किया जा सकता है। इनमें गुलाब, कमल, गेंदा आदि के अलावा एक और फूल का नाम शामिल है, जिसके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते। यह है पलाश का फूल। पलाश के फूल के फायदे से ज्यादा लोग वाकिफ नहीं है और इस कारण हम इस विषय पर आपको सभी जानकारी देने की कोशिश करेंगे। स्टाइलक्रेज के इस लेख में फायदों के साथ पलाश के नुकसान के बारे में भी आप विस्तार से जानेंगे, जो इसका सही ढंग से उपयोग न करने पर देखे जा सकते हैं।

मान्यता

पलाश वृक्ष अथवा पलास, परसा, ढाक, टेसू भारत के सुंदर फूलों वाले प्रमुख वृक्षों में से एक है। प्राचीन काल से ही इस वृक्ष के फूलों से होली के रंग तैयार किये जाते रहे हैं। ऋग्वेद में सोम, अश्वत्थ तथा पलाश वृक्षों की विशेष महिमा वर्णित है। कहा जाता है कि पलाश के वृक्ष में सृष्टि के प्रमुख देवता- ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निवास है। अत: पलाश का उपयोग ग्रहों की शांति हेतु भी किया जाता है। ज्योतिष शास्त्रों में ग्रहों के दोष निवारण हेतु पलाश के वृक्ष का भी महत्त्वपूर्ण स्थान माना जाता है। हिन्दू धर्म में इस वृक्ष का धार्मिक अनुष्ठानों में बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में पलाश के अनेक गुण बताए गए हैं और इसके पाँचों अंगों- तना, जड़, फल, फूल और बीज से दवाएँ बनाने की विधियाँ दी गयी हैं।