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क्यों इटली और ईरान कोरोना की भीषण चपेट में आ गए?

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चीन ने आज ही घोषणा कर दी है कि अब उसके यहां कोरोना के नए केस की संख्या शू्न्य हो गई है. करीब दो महीने तक भयावह स्थिति से निपटने के बाद चीनी नेतृत्व शायद राहत की सांस रहा होगा. लेकिन इस समय इटली और ईरान कोरोना की भीषण चपेट में हैं. इटली की सरकार ने तो पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया है. दोनों ही देशों में कोरोना वायरस मास स्प्रेड कर गया है. लेकिन कोरोना का वायरस चीन के बाद ईरान और इटली में ही इतनी बुरी तरह से क्यों फैला? इसके पीछे क्या कारण जिम्मेदार हैं.

इटली के चपेट में आने की वजहें
दरअसल इटली में डेथ रेट बहुत ज्यादा होने के पीछे मुख्य कारण वहां पर बुजुर्ग आबादी का अधिक होना है. न्यूयॉर्क टाइम्स पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में बुजुर्ग लोगों की जनसंख्या एक चौथाई प्रतिशत के आस-पास है. कोरोना वायरस उम्रदराज या उन लोगों पर ज्यादा बुरा असर दिखाता है जिन्हें पहले कोई गंभीर रोग हो. जैसे बताया जा रहा है कि डायबिटीज के रोगियों के लिए ये रोग ज्यादा खतरनाक है.

इटली के साथ एक समस्या आ रही है कि यहां शुरुआत में कोरोना की टेस्टिंग पर ठीक तरीके से ध्यान नहीं दिया गया. इसी वजह से ये रोग लोगों के बीच ज्यादा तेजी के साथ फैला. साथ ही पब्लिक हेल्थ केयर सिस्टम के कमजोर होने को भी इस भयावह स्थिति के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. अब जबकि मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है तो डॉक्टरों के भी इस रोग से इन्फेक्टेड होने की खबर आ रही है.

इटली ने एहतियात के लिए कदम भी देर से उठाए. चीन से बेहद नजदीक पड़ने वाले सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और ताइवान जैसे छोटे देशों ने खुद को सतर्कता के जरिए ही बचाया है. इन देशों ने चीन में कोरोना का मरीज मिलते ही तेजी के साथ कार्रवाई की थी.

इटली में सबसे ज्यादा समस्या देश के उत्तरी हिस्से में आ रही है. इसके पीछे कारण ये है कि देश के ज्यादातर व्यापारिक सेंटर उत्तरी हिस्से में ही पड़ते हैं. यहां से विदेशी यात्रियों का आवागमन भी बहुत ज्यादा है. उत्तरी इटली को पूरे यूरोप में कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. इस हिस्से में चीन के साथ भी बड़े स्तर पर व्यापार होता है. वुहान में कोरोना के फैलने के बाद भी इस हिस्से में चीन के लोगों का आवागमन बाधित नहीं हुआ. यूरोप के अन्य देशों से भी लोग इसी हिस्से में ज्यादा आते हैं. उत्तरी इटली में फैला संक्रमण अब पूरे यूरोप में पहुंच चुका है.

ईरान पर क्यों टूटा कहर
पश्चिमी एशिया में ईरान भी इस समय कोरोना से जूझ रहा है. कोरोना के ईरान में बुरी तरह फैलने के पीछे सबसे बड़ा कारण एक चीनी सोलर प्लांट को माना जा रहा है. ईरान के कोम शहर में एक चीनी कंपनी सोलर प्लांट लगा रही है. इस सोलर प्लांट में बड़ी संख्या में चीनी नागरिक काम कर रहे हैं. इसमें अधिकारी से लेकर मजदूर तक शामिल हैं. चीन में कोरोना के बुरी तरह फैलाव के बावजूद भी यहां पर चीनी लोगों का आना-जाना जारी रहा.

साथ ही ईरानी वैश्विक इस्लामिक धार्मिक केंद्र भी है. दुनियाभर से लोग यहां धार्मिक कारणों से पहुंचते हैं. ईरान ने इन धार्मिक यात्राओं पर रोक लगाने में बहुत देर कर दी. साथ ही ईरान की मेडिकल व्यवस्था भी मजबूत नहीं है. कोरोना के फैलाव के साथ ही देश में टेस्टिंग किग से लेकर मास्क तक की कमी देखने में आई है. बीते कुछ सालों में अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ टकराहट की वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है. उसका सारा ध्यान अपनी सामरिक शक्ति मजबूत करने पर रहा है. अन्य क्षेत्रों पर देश ध्यान कम दे पाया है.