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सत्य नारायण कथा: मन पर नियंत्रण और सत्य व्रत का पालन सिखाती है यह कथा

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दू धर्म में पूजा पाठ का बड़ा महत्व होता हैं वही संसार में एकमात्र नारायण ही सत्य हैं सत्य को नारायण रूप में पूजना ही भगवान सत्यनारायण की पूजा हैं। सत्यनारायण की कथा सबसे प्रतिष्ठित व्रत कथा हैं इस कथा में पूरे पांच अध्याय हैं जिनमें भगवान श्री नारायण की महिमा का वर्णन किया गया हैं।

इस व्रत कथा में बताया गया हैं कि जीवन में सत्य व्रत का पान पूरी निष्ठा और सत्य से करना चाहिए। हर माह पूर्णमासी इस कथा का वाचन और श्रवण करना शुभ माना जाता हैं सत्य को साक्षात भगवान मानकर सत्यव्रत को जीवन में उतारना ही सत्यनारायण कथा का मूल उद्देश्य हैं। यह कथा अन्न, धन, लक्ष्मी का आशीर्वाद प्रदान करने वाली हैं। सुख समृद्धि , यश कीर्ति, सौभाग्य का वरदान देती हैं।

वही इस व्रत से व्यक्ति सभी दुखों से मुक्त हो जाता हैं। भगवान को धन्यवाद देने के लिए भी भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती हैं संतान सुख पाने के लिए यह व्रत किया जाता हैं सुखद वैवाहिक जीवन के लिए भी यह कथा लाभकारी मानी जाती हैं ​

शादी विवाह के पहले और विवाह के बाद भगवान सत्यनारायण की पूजा करना शुभ फल प्रदान करने वाली होती हैं। वही स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में इस पूजा से विशेष लाभ होता हैं सत्यनारायण की कथा से पूर्वजों को शांति और मुक्ति प्राप्त होती हैं। इस कथा का ध्यानपूर्वक श्रवण करने से मन पर नियंत्रण प्राप्त होता हैं कथा में व्रत के विधान के साथ संकल्प और प्रसाद के महत्व को बताया गया हैं।