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10 साल के बच्चे ने ISRO को लेटर लिखकर वो बात कह दी, जिसका ख़याल किसी को नहीं आया

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6 सितंबर की रात चांद पर लैंड करते वक्त लैंडर विक्रम का ISRO से संपर्क टूट गया था. इसकी वजह से वैज्ञानिक हताश थे, निराश थे. चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के समय मुख्यालय में करीब 60 बच्चे मौजूद थे. वो किसी भी कीमत पर हार मानने को तैयार नहीं थे. लेकिन उन्हें हकीकत को मानना पड़ा. लेकिन एक और बच्चा था, जो उस वक्त वहां मौजूद नहीं था. लेकिन उसकी नज़र इस मिशन पर थी. उसका नाम है अंजनेय कौल. उम्र महज़ 10 साल. उसने इसरो को एक लेटर लिखा. इसरो की हौसला अफजाई करते हुए, भविष्य में कामयाबी की उम्मीद जताते हुए. और उसका ये लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

बच्चे की मां ज्योति कौल ने लेटर को ट्वीट किया. फिर उसे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रीट्वीट कर दिया. और फिर वो लेटर वायरल हो गया.

                                  स्मृित ईरानी ने वो लेटर रीट्वीट किया, जो एक 10 साल के बच्चे ने इसरो को लिखा है.

बच्चे ने लेटर अंग्रेजी में लिखा है. हम आपको उसका हिंदी तर्जुमा पढ़वा रहे हैं. लिखा है-

चंद्रयान 2- भारतीयों की भावना

इतनी जल्दी निराश मत हों. हम चांद पर ज़रूर पहुंचेंगे. हमारा अगला प्रयास चंद्रयान 3 का है, जिसे हम अगले साल जून में लॉन्च करेंगे. ये मत भूलिए कि ऑर्बिटर अब भी वहां है. वो हमें फोटो भेजेगा, जिससे हमारा अगला कदम तय होगा. वो हमें आगे बताएगा कि हमें कहां जाना है, अब आगे क्या करना है.

हो सकता है कि विक्रम सचमुच लैंड कर गया हो. या प्रज्ञान अब भी जिंदा हो और ग्रैफिकल बैंड्स भेजने के लिए तैयार हो रहा हो. तब सफलता हमारे हाथों में होगी. इसरो के वैज्ञानिक अगली पीढ़ी के बच्चों के लिए प्रेरणा हैं. इसरो आप हमारा गर्व हैं. राष्ट्र की तरफ से आपको तहेदिल से शुक्रिया.

जय हिंद.

अंजनेय कौल.

              बच्चे ने लेटर लिखकर चंद्रयान 3 को लॉन्च करने की बात कह दी. उसकी मम्मी ने ट्विटर पर लेटर शेयर किया.

लेकिन इसरो के वैज्ञानिक बच्चे नहीं हैं. बच्चे ने जो लेटर लिखा, वो वैज्ञानिकों का हौसला बुलंद करने के लिए लिखा, लेकिन उसे भी पता था कि वो खुद को दिलासा दे रहा है. अपनी कामयाबी की दिलासा, मुल्क की कामयाबी की दिलासा. तभी तो वो अगले साल चंद्रयान 3 लॉन्च करने की बात कह रहा है.

हालांकि अंजनेय ने जैसा अपने लेटर में लिखा, वैसा ही हुआ. मतलब ये कि 8 सितंबर की दोपहर तक चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने लैंडर विक्रम का पता लगा लिया. ISRO के मुखिया के सिवन ने बताया कि ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा (OHRC) ने विक्रम लैंडर की तस्वीर खींच कर भेजी हैं. इसमें लैंडर सुरक्षित दिख रहा है, लेकिन वह लैंडिंग वाली तय जगह से कुछ दूर है. डीडी न्यूज़ के साथ अपने इंटरव्यू में भी के सिवन ने बच्चों का ज़िक्र किया था. उन्होंने कहा था-

‘ISRO में मौजूद बच्चे हार मानने को तैयार नहीं थे, लेकिन वो बच्चे हैं. उनका नज़रिया साफ होता है. मैं उनकी सोच से बिल्कुल इत्तेफाक रखता हूं.’

और अंजनेय की बात से हम भी इत्तेफाक रखते हैं. हम निराश नहीं हैं. कतई नहीं. हमें 100 फीसदी कामयाबी की उम्मीद है. 95 फीसदी कामयाबी मिल चुकी है. बाकी के लिए हमारे पास अगले 13 दिनों का वक्त है. और अगर हम इन 13 दिनों में कामयाब नहीं होते, तो फिर से कोशिश करेंगे. तब तक, जब तक कि हम 100 फीसदी कामयाब नहीं हो जाते.