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बनना चाहते हैं ‘क्रिएटिव’ तो ध्यान को बनाएं जीवन का अहम हिस्सा: स्टडी

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जब हमारी इंद्रियां अक्सर सुस्त हो जाती हैं, तब ध्यान तनावपूर्ण दुनिया में विश्राम और जागरूकता के लिए समय प्रदान करता है। जानकार बताते हैं कि ध्यान करने से अस्थायी तनाव से राहत की अधिक संभावना होती है। ध्यान करने की विविधता से पता चलता है कि व्यक्तित्व या जीवन शैली के आधार पर हर व्यक्ति के लिए ध्यान की अलग-अलग शैली है। जो व्यक्ति ध्यान करता है, उसका अभ्यास करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, साथ ही भावनात्मक स्वास्थ्य भी सुधर जाता है।

हाल में हुई एक शोध में ये बात सामने आई है कि कुछ खास तरह के ध्यान (मेडिटेशन) तकनीक से रचनात्मक सोच बढ़ती है। यह शोध ‘माइंडफुलनेस’ नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में कहा गया है कि इंसानों पर ध्यान का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। ये इंसानों के सोचने के तरीकों को भी प्रभावित करता है, जिससे नए विचार आते हैं।

शोध में यह भी बताया गया है कि सभी प्रकार के ध्यान तकनीक का रचनात्मकता पर एक जैसा प्रभाव नहीं पड़ता है। जिन लोगों ने ओपन मॉनिटरिंग मेडिटेशन किया उन लोगों के पास एक ही समस्या के कई समाधान थे। वहीं, जिन लोगों ने फोकस्ड अटेंशन मेडिटेशन था, उन पर कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला।

इसके अंतर्गत सभी लोगों को सोचने का काम दिया गया था, जिसे करने से पहले 25 मिनट तक ध्यान किया गया। इन लोगों में कुछ अनुभवी और कुछ नए लोग शामिल थे। शोध में रचनात्मकता की दो मुख्य सामग्री पर मेडिटेशन के अलग-अलग तकनीकों के प्रभावों की जांच की गई है।