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हर तरफ धुआं ही धुआं,आसमान से गिरा आग का गोला ,जान बचा कर भागे लोग

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बिहार के मधुबनी जिले में उस समय हड़कंप मच गया जब आसमान में गड़गड़ाहट की आवाज के साथ जलता हुआ पत्‍थर खेत में आ गिरा. चारों तरफ धुआं ही धुआं, खेत में काम कर रहे किसान डर कर भागे. थोड़ी देर बाद जब धुआं छटा तो किसान वापस अपने खेतों की तरफ लौटे. पास जाकर देखा तो चार फीट गहरा गढ्डा हो गया था, उसमें बड़ी बॉल के आकार का पत्‍थर पड़ा था, वह काफी गर्म था. ठंडा होने पर लोगों ने उसे बाहर निकाला. यह खबर आग की तरह फैली और सूचना पर प्रशासन मौके पर पहुंचा. जिसे ग्रामीण पत्‍थर समझ रहे थे वह असल में एक उल्का पिंड निकला. मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट श्रीसात कपिल अशोक ने कहा कि जिस समय उल्का पिंड गिरा किसान खेतों में काम कर रहे थे और आवाज सुनकर सभी दहशत में आ गए.

चमकीला है उल्का पिंड
अशोक ने बताया कि उल्कापिंड की चुंबकीय विशेषता भी है. यह हल्का चमकीला है और इसका कुल वजन 15 किलो है. इस घटना की जानकारी मिलने पर वैज्ञानिक मौके पर पहुंचे और उल्कापिंड को कब्जे में लेकर जहां पर उल्कापिंड गिरने के कारण गढ्डा हुआ था उसकी भी जांच की. इसके बाद उल्का पिंड को पटना भेज दिया गया. जहां पर इसे पटना के म्यूजियम में रखा गया है. बिहार के मुख्यमंत्री न‌ितिश कुमार ने भी म्यूजियम में जाकर उल्कापिंड को देखा और वैज्ञानिकों से इस संबंध में जानकारी ली.

इससे पहले 2016 में यह दावा किया गया था कि एक बस ड्राइवर की मौत के लिए आसमान से गिरा उल्कापिंड जिम्मेदार था. इस हादसे में तीन लोग घायल हो गए थे. वहीं 2013 की फरवरी में रूस के उराल पर्वत पर एक बड़ा उल्का पिंड गिरा था. जिसके बाद यह पर भूकंप आ गया था. इस दौरान 1200 लोग घायल हो गए थे और हजारों की संख्या में इमारतों को नुकसान पहुंचा था.