बिलासपुर-
अचानकमार टाइगर रिजर्व से तीन और गांव छिरहट्टा, बिरारपानी और तिलई डबरा को शिफ्ट करने की केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। अब इन गांवों की शिफ्टिंग में डेढ़ से दो साल का समय लगेगा। 13 साल पहले 6 गांव शिफ्ट किए गए थे, तब यह अभयारण्य था। तीन गांव की शिफ्टिंग के बाद 16 और गांव जंगल के अंदर रह जाएंगे।
अचानकमार टाइगर रिजर्व बनने के 13 साल बाद तीन गांव को बाहर शिफ्ट करने की मंजूरी केंद्र ने दी है। 19 गांवों को शिफ्ट करने की योजना 5 साल पहले तैयार कर पहले चरण में तीन गांवों को शिफ्ट करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। अब जाकर इसे मंजूरी मिली है। इन गांव को लोरमी रेंज के सावंतपुर और भरतपुर गांव में शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए 255.300 हेक्टेयर जमीन का चयन किया गया है।
पांच साल पहले जब इन तीन गांव को अचानकमार टाइगर रिजर्व से बाहर शिफ्ट करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, तब 133 परिवार थे। इन पांच सालों में परिवार और बढ़ गए हैं, इसलिए नए सिरे से सर्वे कर सूची बनाई जाएगी। इसकी मंजूरी के लिए फिर से प्रपोजल केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। अचानकमार टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर वीआर नायर ने बताया कि तीन गांवों को शिफ्ट की मंजूरी मिल गई है।
यहां शिफ्ट होंगे ये गांव
तीन गांव को शिफ्ट करने के लिए लोरमी रेंज के सावंतपुर और भरतपुर की जमीन का चयन किया गया है। इनमें ग्राम तिलई डबरा के ग्रामीणों को सावंतपुर गांव की 126.500, बिरारपानी के ग्रामीणों को भरतपुर गांव की 119.389 और ग्राम छिरहट्टा के ग्रामीणों को भरतपुर गांव की 9.411 हेक्टेयर जमीन पर बसाया जाएगा। बताया जा रहा है कि कुछ ग्रामीणों ने मकान और खेत के बदले में राशि की मांग की है। अगर राशि देने की मंजूरी मिलती है तो उन परिवार को 15 लाख रुपए दिए जाएंगे।