कांकेर-
सर्व अन्य पिछड़ा वर्ग ने अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार को बस्तर बंद का आह्वान किया है। इसका व्यापक असर कांकेर जिले में भी देखने को मिल रहा है। आज कांकेर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़ में व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद हैं। यहां बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
सर्व पिछड़ा वर्ग छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग की 52% आबादी के आधार पर 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग लंबे समय से करता आ रहा है। इसके अलावा राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के स्वतंत्र मंत्रालय की घोषणा को तत्काल लागू करने की मांग भी की गई है।
बस्तर संभाग के हरेक जिले में वर्तमान में लागू 14 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण रोस्टर शत-प्रतिशत लागू करने और वर्तमान में हो रही विभागीय भर्तियों में अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ न्याय करने की मांग की गई है। बस्तर संभाग के अन्य पिछड़ा वर्ग को परंपरागत वनवासी होने के नाते पांचवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी की गई है।इसके अलावा छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में भारत सरकार के जनसंख्या गणना के आधार पर जिन ग्राम पंचायतों में अन्य पिछड़ा वर्ग की बहुलता है, वहां सरपंच का पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित करने की भी मांग की गई है। सर्व पिछड़ा वर्ग अपनी इन मांगों को लेकर कई बार आंदोलन कर चुका है, लेकिन अब तक मांगें पूरी नहीं होने पर पिछड़ा वर्ग फिर से आंदोलन में उतर आया है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पिछड़ा वर्ग ने बस्तर बंद का आह्वान कर फिर से अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है।