ब्यूरोचीफ
सुनील खोब्रगढ़े-
बालाघाट– जिले को अनाज, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज मिलेट, फल, सब्जी , फूल, बांस, कृषि वानिकी, उद्यानिकी, मत्य््रा उत्पा्दन एवं अन्य फसलों के उत्पामदन में आत्म निर्भर बनाने के लिए 02 मई को कलेक्टीर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की अध्यबक्षता में ’जिला स्तयरीय कृषि विकास प्लान समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले में कृषि विकास कार्य योजना बनाने के संबंध में विस्ताार से चर्चा की गई।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्यक कार्यपालन अधिकारी डीएस रणदा, उप संचालक कृषि राजेश खोब्रागड़े, उप संचालक मत्योमें द्योग श्रीमती शशिप्रभा धुर्वे, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ पी के अतुलकर, कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गांव के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ आर एल राउत, कृषि महाविद्यालय मुरझड़ के डॉ शरद बिसेन, सहायक संचालक उद्यान हरगोविंद धुवारे, जिला सहकारी केन्द्री य बैंक के सीईओ आर सी पटले एवं कृषि से जुड़े अन्यब अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जिले में कृषि उत्पाईदन की लागत को कम करने एवं उत्पाेदन के मूल्य संवर्धन पर चर्चा की गई और कहा गया कि इसके लिए प्रत्येृक ग्राम स्तार पर माईक्रो प्लाेनिंग करना होगा। इसके लिए बेसलाईन सर्वे करने की आवश्यचकता बताई गई। बैठक में कृषि विभाग को निर्देशित किया गया कि ग्रामवार, कृषकवार जानकारी लेना होगा कि किस कृषक के द्वारा कौन सी फसल लगाई गयी है, उसका बीज उसके द्वारा कहां से लिया गया है, बीज लेने से लेकर फसल बेचने तक किसी भी प्रकार की परेशानी, आगामी वर्ष की प्लाेनिंग, आगामी समय में कृषि विस्ता र हेतु क्याे जरूरत है इत्या दि समस्ती बिन्दु पर ध्यान रखते हुए प्रपत्र तैयार किया जाये।
बैठक में उद्यानिकी विभाग को निर्देशित किया गया कि उद्यानिकी फसलों की जानकारी के संबंध में प्रपत्र तैयार करें एवं ग्रामों का चयन कर ग्रामवार एवं कृषकवार सर्वे कार्य कराया जाये। इसी प्रकार सहकारिता विभाग को निर्देशित किया गया कि कितने कृषको का केसीसी बना नहीं है, क्या् परेशानी आ रही एवं अन्या विभागीय गतिविधियों को संचालित करने में जो भी परेशानी आ रही है, इस पर कार्ययोजना तैयार करें। उप संचालक, मत्स्योिद्योग को अवगत कराया गया कि किस ग्राम में कितने मछुआरे हैं एवं पानी के स्रोत क्याय है, मत्स्यी पालन को बढ़ावा देने कार्ययोजना तैयार करें तथा जिला स्तेरीय कृषि विकास प्लान के लिए फॉर्मेट तैयार करें।