धान शार्टेज, सेवा नियम के विपरीत कार्य करने सहित पशुपालन ऋण वितरण में गड़बड़ी करने का है आरोप।
राकेश पाठक
भैयाथान। सोनपुर सहकारी समिति के कर्मचारी साधना कुशवाहा का समिति हितों की उपेक्षा करने समिति की उपविधियों, सहकारी सोसायटी के सेवा नियम के विपरीत कार्य करने सहित अन्य अनिमितताओं का हवाला देते हुए सेवा समाप्ति कर दी गयी है। प्राधिकृत अधिकारी सोनपुर के द्वारा जारी पत्र में श्रीमती कुशवाहा का सेवा समाप्ति के मुख्य कारण को दर्शाते हुये बताया गया है कि, खरीफ़ विपणन वर्ष 2020-21 में सोनपुर समिति में धान खरीदी प्रभारी रहते हुए साधना कुशवाहा ने 3559.93 किवंटल धान शार्टेज किया था जिससे समिति को गंभीर आर्थिक क्षति हुई है। वहीं वर्ष 2022-23 में सोनपुर समिति प्रबंधक व शिवप्रसादनगर समिति में प्रभारी प्रबंधक रहते हुये साधना कुशवाहा ने कूटरचित दस्तावेज के सहारे एक ही परिवार के 4-5 सदस्यों का पशु पालन ऋण स्वीकृत कराकर वितरण कर दिया है। वहीं सोनपुर समिति के एक भी किसानों का ऋण स्वीकृत नही कराया गया जिसकी शिकायत किसानों ने कलेक्टर जनदर्शन में किया था ।
जिस पर कलेक्टर सूरजपुर ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर मामले की जांच कराई थी । जिस जांच में 71 किसानों को कूटरचित दस्तावेजों के सहारे 1 करोड़ 88 लाख 59 हजार रूपये नियम विरुद्ध ऋण प्रदाय किया जाना पाया गया जिससे समिति को गंभीर क्षति हुई है। पशु पालन ऋण गड़बड़ी में साधना कुशवाहा को जिम्मेदार मानते हुये जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी ने इन पर झिलमिली थाने में 409,420 व 34 के तहत एफआईआर दर्ज कराया है। इन्ही कारणों का हवाला देते हुए सोनपुर के प्राधिकृत अधिकारी ने साधना कुशवाहा की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया है। श्रीमती कुशवाहा को भविष्य में समिति में किसी भी सेवा में नही रखने की भी बात उक्त पत्र में कही गयी है।