कटंगी (मिडिया जगत 24 ) महेश रामटेके कटंगी/तिरोङी ब्यूरो चीफ
बालाघाट। बालाघाट जिला बौद्ध संघ जिलाध्यक्ष अधिवक्ता संजय खोब्रागड़े ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बालाघाट जिला बौद्ध संघ की स्थापना वर्ष 1974 के पश्चात संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्यों का चुनाव निर्वाचन प्रक्रिया से होता है. बालाघाट जिला बौद्ध संघ बालाघाट के वरिष्ट सामाजिक धार्मिक कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों से स्थापना हुई और समुचे बालाघाट जिले में तथागत बुद्ध एवं बाबा साहब अंबेडकर के विचारों को जनमानस तक पहुंचाने के लिए सतत प्रयासरत रहे. संघ के द्वारा समय-समय पर पारिवारिक विवादों एवं दाम्प्त्य जीवन के विवादों को सदैव सुलझाकर आपसी सामन्जस स्थापित करने में अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया है.
संघ के जिलास्तर से सर्कल एवं ग्रामीण स्तर तक पदाधिकारियों का चयन निर्वाचन प्रक्रिया से होता है जो कि आगामी माह अक्टूबर में संघ का चुनाव किया जाना निश्चित है. समाज के पदलोलुप व्यक्ति जो बालाघाट जिला बौद्ध संघ के पदाधिकारी बनने की मंशा रखे हुए थे. उन्हें ज्ञात होने पर की निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने से संगठन के पदाधिकारी बनना संभव नहीं है इसीलिए पदलोलुप तथाकथित लोगों ने जिला कार्यकारिणी एवं समूचे जिले की तहसील कार्यकारिणी को बिना अवगत कराए बिना किसी अधिकार के अपनी महिमा मंडन करने के लिए समकक्ष बालाघाट जिला बौद्ध की कार्यकारिणी का गठन करवाया. उक्त कार्यकारिणी को गठन कराने वाले संगठन को तोड़फोड़ करने वाले समाज सेवी ना होकर समाज के गद्दार साबित हुए अधिवक्ता संजय खोब्रागड़े ने समूचे बालाघाट जिले के बौद्ध अनुयाईयों से आहवान करते हुए बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा स्थापित समता सैनिक दल, भारतीय बौद्ध महासभा और उनके महापरिनिर्वाण के पश्चात 3 अक्टूबर 1957 को स्थापित आरपीआई को अपने निजी स्वार्थों के चलते तत्कालीन गद्दारों ने तोड़-फोड़ की जिसकी वजह से एक ही नाम के सैकड़ों संगठन स्थापित होने से समाज विखंडित हुआ है इसीलिए अधिवक्ता संजय खोब्रागड़े ने समूचे बौद्ध अनुयाईयों से आहवान किया है कि समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखते हुए संगठन को तोड़फोड़ करने वाले तथाकथित समाज के गद्दारों से दूरियां बनाएं