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18 अगस्त को इन्वेटर्स मीट का आयोजन उद्यमियों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील

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सुनील खोब्रागढे (ब्यूरो प्रमुख)

बालाघाट- बालाघाट जिले में मैंगनीज, बांस, चावल एवं अन्य खनिज संपदा का प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है। जिले में इन उत्पादों पर आधारित लघु, मध्यम व बड़े उद्योग लगाने के लिए अच्छी संभावनायें विद्यमान है। जिले में अधिक संख्या में उद्योग लगेंगें तो यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगें और जिले के विकास को गति मिलेगी। इसी परिप्रेक्ष्य में जिले में नये उद्यम लगाने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने आगामी 18 अगस्त को शुभारंभ लान नवेगांव-बालाघाट में इन्वेटर्स मीट का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री दीपक आर्य के मार्गदर्शन में इन्वेटर्स मीट के आयोजन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है।
जिले में आ रहा है 2821 करोड़ रुपये का निवेश
बालाघाट जिले में उद्यमियों द्वारा 2821 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए अपनी सहमति दी गई है। इसमें 800 करोड़ एवं 212 करोड़ रुपये की बायोफ्यूल एथेनाल की यूनिट लगाने के प्रस्ताव एवं 1800 करोड़ रुपये के फेरो एलाय यूनिट के प्रस्तांव भी शामिल है।
जिले में वैनगंगा फेरो एलाय कंपनी द्वारा 250 करोड़ रुपये, हीरा फेरो एलाय कंपनी द्वारा 150 करोड़ रुपये, हीरा पावर छत्तीसगढ़ द्वारा 150 करोड़ रुपये, दीपक फेरो एलाय कंपनी रायपुर द्वारा 150 करोड़ रुपये, पटनायक मिनरल्स रायगढ़ द्वारा 150 करोड़ रुपये, आसनसोल एलाय कंपनी पंश्चिम बंगाल द्वारा 112 करोड़ रुपये, सेटर्न फेरो एलाय द्वारा 100 करोड़ रुपये, शांता मेटल एवं मिनरल्स रायपुर द्वारा 107 करोड़ रुपये, श्री आमोद गुप्ता द्वारा 50 करोड़ रुपये, महाराष्ट्रा एलाय कन्हान नागपुर द्वारा 211 करोड़ रुपये, रमणीक पावर एंड एलाय द्वारा 280 करोड़ रुपये, की राशि फेरो एलाय उद्यम में निवेश करने की सहमति दी गई है। इसी प्रकार एथेनाल यूनिट के लिए व्हीसेग बायोफ्यूल बालाघाट द्वारा 212 करोड़ रुपये एवं में गुलशन पालीयोल्स द्वारा 800 करोड़ रुपये के निवेश की सहमति दी गई है। इसके अलावा जिले के उद्यमियों द्वारा 150 करोड़ रुपये से अधिक के लघु उद्यम में निवेश करने के प्रस्ताव भी है।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री डी के वरकड़े ने जिले के उद्यमियों से अपील की है कि वे 18 अगस्त को आयोजित होने वाली इन्वेस्टर्स मीट में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित हों। इस मीट में उद्यमियों को शासन से क्या-क्या सुविधायें मिल सकती है और किन उद्यगों के लिए क्या संभावना है इस पर विस्तार से चर्चा की जायेगी। जिले में भारी मात्रा में धान की खेती होती है और 10 करोड़ से अधिक की राईस इंडस्ट्री भी यहां पर लगाई जा सकती है। मैंगनीज पर आधारित इससे भी अधिक लागत के उद्यम लगाने के इच्छुक उद्यमियों का जिले में स्वागत है और उन्हें शासन से हर संभव मदद देने का प्रयास किया जायेगा।
जिले में उद्योगों की स्थापना के लिए ग्राम कनकी में 31 एकड़ जमीन उद्योग लगाने के लिए उपलब्ध है। यहां पर 47 लाख रुपये की लागत से सड़क बनाई जा चुकी है और 02 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत उपकेन्द्र भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा ग्राम बोड़न्दाकला में 305 एकड़, रावड़बंदी में 90 एकड़, कोहकाडीबर में 90 एकड़, पेंडरई में 25 एकड़, देवरी में 50 एकड़, खापा में 60 एकड़, मिरगपुर में 32 एकड़, गुडरूघाट में 60 एकड़, सावरी में 90 एकड़, चिखला में 75 एकड़, धापेवाड़ा में 55 एकड़, मोहबट्टा में 90 एकड़, नांदी में 30 एकड़ एवं दीनी में 25 एकड़ जमीन उद्योग विभाग को आबंटित करने के लिए चिन्हित की गई है। जिले में उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों के आगे आने पर इन स्थानों पर उपलब्ध जमीन को विकसित कर उद्यमियों को आबंटित कर दी जायेगी। यह सभी जमीन मुख्य सड़कों के पास चिन्हित की गई है, जहां पर पानी एवं बिजली की सुविधा उपलब्ध है।