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छत्तीसगढ़ : रमन सिंह का आरोप- छत्तीसगढ़ में सांसदों की हो रही उपेक्षा, जरूरत पर ही करते हैं याद

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छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल पर राज्य के सांसदों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में संख्या बल के आधार पर ज्यादातर सांसद भाजपा से हैं और संघीय शासन व्यवस्था की गरिमा को दरकिनार करते हुए यहां सत्ता पक्ष विपक्षी सांसदों की उपेक्षा पर उतारू है। इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। वे किसी विशेष जरूरत पर ही सांसदों को याद करते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सांसदों की बैठक बुलाए जाने के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि भाजपा के सांसदों को अभी तक जानकारी नहीं मिली है कि बैठक का स्वरूप क्या है। बैठक किस एजेंडे को लेकर बुलाई गई हैं। राज्य की स्थापना का पर्व मनाया जा रहा है।

राज्योत्सव के आयोजन में देश-दुनिया से लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन जब प्रदेश में इतने बड़े आयोजन होने के दौरान स्थानीय सांसदों की कोई पूछ परख नहीं है, जब जरूरत पड़ती तब मुख्यमंत्री हमें बुलाते हैं। राज्योत्सव जैसे कार्यक्रम में कहीं भी सांसदों को सम्मान नहीं मिला है। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर दिल्ली को रवाना होने से पहले डॉ रमन ने किसानों की पदयात्रा पर सरकार को घेरा।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बहुत जगह फसल खराब हुई है। राजनांदगांव में भी पूरा ब्लॉक का ब्लॉक है, जहां धान और सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है। हम लोग भी कोशिश कर रहे हैं कि आने वाले समय में इस विषय को उठाये। वहीं सीएम भूपेश बघेल के अलादीन का चिराग वाले बयान पर रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को क्या लगता है, क्या दिखता है, मुझे समझ नहीं आता है, लेकिन इस 11 महीने में मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए कुछ नहीं किया। मंडल अध्यक्षों के चुनाव में हो रहे विवादों को लेकर कहा कि 90 प्रतिशत से ज्यादा मंडलों में आम सहमति से अध्यक्ष चुने हैं। यहां चुनाव की भी नौबत नहीं आई है। बहुत ही फ्रेंडली वातावरण में एक बार, दो बार, तीन बार बैठकर बनाया है। कहीं जरूरत पड़ रही है, तो लोगों की राय भी ली जा रही है।

फसल के नुकसान का अभी तक सर्वे नहीं : कौशिक

किसानों की पदयात्रा को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि इसका सर्वे कराया जाएगा और भरपाई की जाएगी। अभी तक कहीं सर्वे के लिए किसानों से पूछताछ नहीं की गई है। इससे पहले भी प्राकृतिक आपदा में किसानों ने मार झेली है। आज तक उनका कुछ नहीं हुआ है। लगातार बारिश हुई इसके कारण धान की फसल गिर गई, इसके कारण किसानों को क्षति हुई सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। किसान दोहरी मार से पीड़ित है, अब उनके सामने केवल एक ही रास्ता है कि वह फसल की कटाई करें और बिचौलियों के हाथ में बेचे।