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नींबू पानी व तुलसी पीलिया के रोगियों के लिए रामबाण , जाने फायदें

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बदलते माैसम में बेकार खानपान के कारण पीलिया ( Jaundice ) की समस्या हो जाती है. इसके शुरुआती लक्षणों में मरीज का शरीर पीला पड़ने लगता है. ऐसे मरीजों को पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए. जितनी ज्यादा लिक्विड डाइट लेंगे उतनी ही जल्दी बीमारी से उबरेंगे. पका पपीता खाने से आराम मिलता है. पपीते में पाचक रस होते हैैं जो पीलिया के प्रभाव को कम करते हैं.

नींबू पानी व तुलसी
पीलिया के मरीज को प्रातः काल खाली पेट तुलसी की 4-5 पत्तियां खानी चाहिए जिनसे लिवर साफ होता है. पीलिया में नींबू का रस पीना लाभकारी होता है. प्रयास करें कि रोजाना खाली पेट एक ग्लास नींबू पानी लें.

साबुत धनिए का पानी
साबुत धनिए को रात भर पानी में भिगो दें. प्रातः काल उस पानी को छानकर पी लें. इससे लिवर से गंदगी साफ होगी व एनर्जी भी मिलेगी. गौ माता के दूध से बना पनीर और छेने का रसगुल्ला खाएं. मूली का रस भी लाभदायक होता है. मूली के रस में इतनी ताकत होती है कि वह खून व लिवर से अत्यधिक बिलरूबीन (दूषित तत्त्व) को निकाल सके. 2-3 मूली का रस पी सकते हैं.

टमाटर का रस देता है लाभ
टमाटर के रस में विटामिन सी होता है जो लाइकोपीन से रिच होता है. इसमें प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है. इसलिए टमाटर का रस लिवर को स्वस्थ बनाने में लाभदायक होता है. पीलिया में आंवले को कच्चा या फिर सुखाकर खाने से भी फायदा मिलता है. आंवले में विटामिन सी पाया जाता है जो लिवर साफ करने में मददगार होता है. इसका नियमित इस्तेमाल करें.

ऐसे रखें परहेज
पीलिया में तला-भुना, मिर्च-मसाले वाला भोजन हानिकारक होता है. इसलिए ऐसी चीजों को पीलिया होने के कम से कम 20-25 दिन तक तो बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए. वसायुक्त भोजन से बीमारी अच्छा होने के बाद भी दूर रहना चाहिए. पीलिया में मिठाइयां, बेसन की चीजें, मैदा के व्यंजन, मांस, अंडे व मछली नहीं खाने चाहिए. शराब पीलिया के रोगियों के लिए जहर की तरह है. इसलिए शराब से तो तौबा करने में सारे शरीर की भलाई है. पीलिया में दूषित पानी व दूषित बासी भोजन को भी हर हाल में नहीं खाना चाहिए .