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छत्तीसगढ़ : पशुपालन विभाग के अस्पताल में इलाज नहीं एक के बाद एक तीन गायाें ने ताेड़ दिया दम…

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पशुपालन विभाग के अस्पताल में इलाज के लिए पर्चियां कटने के बाद भी कोई डाॅक्टर नहीं पहुंचा और एक के बाद एक तीन गायों ने दम तोड़ दिया। डाॅक्टरों का कहना था कि वह जाते हैं लेकिन गायाें की माैत के बारे में पूछने पर उन्हाेंने जांच की बात कहकर बात समाप्त कर दी। वहीं पशुपालन विभाग के श्याम टाकीज के अस्पताल में अभी भी दो गायों की हालत गंभीर बनी हुई है। 

एक पर्ची से पूरे माह होता है इलाज 

  1. पिछले कई दिनों से गायों के इलाज के लिए एक के बाद एक पर्चियां कटती रहीं इस मंशा से कि उनका इलाज होगा लेकिन एक भी डाॅक्टर उन्हें देखने नहीं पहुंचा। नतीजा यह हुआ कि तीन गायों की मौत हो गई। अस्पताल में ही गायों की देखभाल करने वाले गौ सेवक व पशुपालन विभाग के डाॅक्टरों के बीच इस मुद्दे पर खींचतान बरकरार है। विभाग के अफसरों ने पूरे मामले को गौ सेवकों के देखभाल करने की कार्रवाई को अवैध कब्जा कहकर अपनी खामियों को दबाने का प्रयास किया। 
  2. वहीं गौ सेवकों का कहना है कि हमारे बार-बार निवेदन करने पर भी डाॅक्टर देखने नहीं आए जिसकी वजह से गायों की मौत हो गई। अस्पताल में तीन डाॅक्टर हैं। इसमें बड़ी सर्जरी यहां पदस्थ डाॅ. आरएम त्रिपाठी के जिम्मे है लेकिन वे भी पिछले कुछ दिनों से गायों का इलाज नहीं कर पा रहे हैं। पांच रुपए की एक पर्ची कटाने पर पूरे माह इलाज का प्रावधान है। गौर सेवक विपुल शर्मा का कहना है कि एक के बाद एक 22 पर्चियां कटने के बाद भी कोई डाॅक्टर देखने नहीं आया। 
  3. अवैध कब्जा है लाेगों का आपकी बात सही है कि कुछ कमियां हैं जिन्हें दूर किया जाना है। मैं खुद वहां विजिट के लिए जाऊंगा। वहां कुछ लोगों का अवैध कब्जा है जिसे हटाया जाना है। यदि वहां गायों की सेवा करने वालों के साथ किसी डाॅक्टर ने दुर्व्यवहार किया है तो मुझे संज्ञान में देना चाहिए था।रमेश कुमार सोनवानी , उपसंचालक,पशुपालन विभाग 
  4. गंभीर मामला, संज्ञान में लेंगे जिस तरह जानकारी मिल रही है उससे मामले को संज्ञान में लिया जाएगा। पूरी बात पता की जाएगी। जो भी उचित कार्रवाई होगी हम करेंगे।