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कॉल आने पर अब 45 सेकेंड नहीं बजेगी फोन की घंटी, घटकर अब हुई इतनी!

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एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने अपने नेटवर्क से बाहर जाने वाली कॉल पर घंटी बजने का समय घटाकर अब सिर्फ 25 सेकेंड कर दिया है. आमतौर पर कॉल आने के समय बजने वाली फोन की घंटी की अवधि 40 से 45 सेकंड होती है, लेकिन अब इसे घटाकर 25 सेकेंड कर दिया है. एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के उठाए गए इस कदम का मकसद कॉल जुड़े रहने के समय के मुताबिक उसपर लगने वाले इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क (IUC) की लागत घटाना भी है. टेलिकॉल रेगुलेटरी ऑथेरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट शुल्क मामले में उसके किसी आधिकारिक निर्णय पर पहुंचने से पहले आपस में कड़ी प्रतिस्पर्धा में उलझी दूरसंचार कंपनियों से सर्वसम्मति से किसी समाधान पर पहुंचने के लिए कहा था.

इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क किसी एक नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क के दी जाने वाली सेवाओं पर दिया जाता है. इसमें जिस नेटवर्क से कॉल की जाती है वह कॉल पहुंचने वाले नेटवर्क को यह शुल्क अदा करता है. अभी इसकी दर छह पैसा प्रति मिनट है. एयरटेल ने इस निर्णय की जानकारी देने के निए ट्राई को 28 सितंबर को एक पत्र भेजा है. वहीं सूत्रों ने जानकारी दी कि वोडाफोन आइडिया ने भी चुनिंदा परिक्षेत्रों में फोन की घंटी बजने की अवधि घटाने का निर्णय किया है.

एयरटेल ने कहा कि उसने फोन की घंटी बजने की अवधि को 25 सेकंड तक सीमित करने का निर्णय किया है. नियामक की ओर से इस संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश ना होने के चलते कंपनी के पास कोई और विकल्प नहीं बचा है. हालांकि, कंपनी नियामक के सामने इस बात को कई बार रख चुकी है.

14 अक्टूबर को होगी खुली चर्चा ट्राई से जुड़े सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि नियामक 14 अक्टूबर को ‘कॉल किए जाने वाले व्यक्ति के फोन की घंटी बजने की समयसीमा’ के मुद्दे पर एक खुली चर्चा कराने की योजना बना रहा है. इसके अलावा इस पूरे IUC मुद्दे पर भी बातचीत होगी. इसके लिए एक परिचर्चा पत्र पहले ही जारी कर दिया गया है. इस पर जल्द निर्णय किया जाएगा.

एयरटेल ने अपने पत्र में कहा कि हमने महसूस किया कि इससे ग्राहकों को परेशानी हो सकती है लेकिन ट्राई की ओर से कोई निर्देश नहीं होने और इंटरकनेक्ट शुल्क के घाटे से बचने के लिए हमारे पास कोई और विकल्प नहीं बचा है. इसलिए हमने हमारे नेटवर्क पर फोन की घंटी बजने की अवधि को घटाने का निर्णय किया है.

बढ़ेंगी Missed Call की संख्या
एयरटेल का कहना है कि फोन की घंटी बजने की अवधि कम करने से मिस्ड कॉल की संख्या बढ़ेगी. इससे किसी व्यक्ति को कॉल लगाने और साथ ही मिस्ड कॉल देखने के बाद वापस कॉल करने की संख्या भी बढ़ेगी. इससे ग्राहकों के अनुभव के साथ-साथ नेटवर्क की क्वालिटी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

पिछले महीने IUC के मुद्दे को लेकर सभी कंपनियों का विवाद नियामक के पास तक पहुंच गया था. वास्तव में आईयूसी को एक जनवरी, 2020 से खत्म किए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन ट्राई इस समयसीमा की अभी समीक्षा कर रहा है.