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NCP-कांग्रेस का आरोप, शिवाजी स्मारक में 1300 करोड़ का घोटाला

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विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मुंबई के तट पर छत्रपति शिवाजी स्मारक के निर्माण में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. दोनों पार्टियों ने स्मारक के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया की न्यायिक जांच की मांग की है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो सकती है.

शिवाजी स्मारक पर महाराष्ट्र में एक दशक से राजनीति होती रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा जोरशोर से उठ सकता है. यह मुद्दा 2009 के विधानसभा चुनावों में भी उठा था. अब एक बार फिर यह मुद्दा गरमा गया है. कांग्रेस और एनसीपी ने इस स्मारक निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया में कुल 1300 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है.

एनसीपी ने छत्रपति शिवाजी महाराज प्रोजेक्ट डिवीजन के दो अधिकारियों के पत्र का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया है. एनसीपी का आरोप है कि सीनियर अकॉउंट्स ऑफिसर संजीव कुमार सिंह ने एक आफिस नोट में 2018 में आरोप लगाया था कि कॉन्ट्रैक्ट देने में अनियमितता बरती गई है और सीवीसी के गाइडलाइनस का उल्लंघन हुआ है. सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि मूल टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया जो कि सीवीसी गाइडलाइंस का उल्लंघन था.

इसमें कहा गया है कि अगर न्यूनतम बोली लगाने वाले की दर व्यवहारिक नहीं थी तो अधिक प्रतिस्पर्धी दरों के लिए निविदा मंगाए जा सकते थे. आरोप में कहा गया है कि फरवरी 2019 में दूसरे डिविजनल अकाउंट्स अफसर विकास कुमार ने प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल को पत्र लिखकर प्रोजेक्ट के निविदा का ऑडिट कर जांच की मांग की थी. इसमें कुमार ने उच्च अधिकारियों द्वारा दबाव की ओर भी इशारा किया था.

एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ”ये शिवाजी महाराज के नाम पर वोट मांगकर सत्ता में आए हैं और शिवाजी स्मारक के प्रोजेक्ट में ही भ्रष्टाचार कर रहे हैं. हम इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हैं.”

भाजपा ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं. ये नहीं चाहते कि यह प्रोजेक्ट कभी पूरा हो. महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ” कांग्रेस और एनसीपी को इन पर बोलने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है. दोनों पार्टियां सत्ता में रहते हुए इसे पूरा नहीं कर सके और जब यह पूरा हो रहा है तो ये इस पर राजनीति कर रहे हैं. ”

गौरतलब है कि मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक अरब सागर में मुंबई तट पर बन रहा है. इसके लिए वर्ष 2017 में टेंडर निकाला गया था. एल ऐंड टी ने इसके लिए 3,226 करोड़ की बोली लगाई थी. स्मारक की उंचाई 121.2 मीटर होगी, जिसमें 83.2 मीटर मूर्ति की और 37 मीटर तलवार की उंचाई होगी. एस ऐंड टी कंपनी के साथ वार्ता के बाद सरकार ने निविदा की रकम 2,500 करोड़ कर दी थी. इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं.