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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोले मेरा मंत्रालय 5 साल में 5 करोड़ रोजगार लाने पर करेगा काम

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार 5 करोड़ रोजगार के सृजन के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र (MSME) उद्योग सेक्टर को मजबूत करेगी. साथ ही इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में MSME की हिस्सेदारी भी मौजूदा 29% से बढ़कर 50% हो जाएगी. गडकरी के मुताबिक, सरकार का जोर देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दोबारा मजबूत करना चाहती है.

गडकरी ने गुरुवार को कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5-ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल करने के लिए मेरा मंत्रालय अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ जॉब पैदा करने पर भी काम करेगा.’

गडकरी ने ब्रॉड गेज मेट्रो को किफायती, कुशल और समय की बचत वाला विकल्प बताया. उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों पर दबाव कम होगा.

सड़क परिवहन और राजमार्ग निर्माण मंत्री गडकरी ने कहा, ‘हम अपने निर्वाचन क्षेत्र नागपुर में भी ब्रॉडगेज मेट्रो ला रहे हैं. ये नागपुर को वर्धा, भंडारा रोड, रामटेक और नरखेड से जोड़ेगा. ब्रॉड गेज पर मेट्रो चलाने पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि यह शहरों और इसके सैटेलाइट शहरों के बीच यात्रा को किफायती बनाता है. मिसाल के तौर पर लोग मेरठ या पानीपत में रह सकते हैं और आसानी से हर दिन काम के लिए दिल्ली जा सकते हैं, इसलिए यह शहर के साथ-साथ यात्रियों के लिए भी फायदे की स्थिति है.’

गडकरी ने कहा कि वर्तमान में मेट्रो रेल निर्माण की लागत लगभग 320 करोड़ रुपये प्रति किमी है, जबकि ब्रॉड गेज मेट्रो की लागत करीब 3 करोड़ रुपये प्रति किमी है. इसके अलावा, ब्रॉड गेज नेटवर्क का उपयोग करने पर लगभग तीन गुना अधिक यात्री इतनी ही जगह पर आ सकते हैं. साथ ही मेट्रो ट्रेनों की गति एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में काफी ज्यादा होगी.

गडकरी ने यह भी कहा कि उन्हें पुरानी कारों, बसों और दोपहिया वाहनों की स्क्रैपिंग की नीति को लेकर केंद्रीय कैबिनेट के विचार की अनुमति मिल चुकी है. वित्त मंत्रालय पहले ही प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है. सरकार बहुत जल्द इसे मंजूरी दे देगी. पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपिंग नीति लाने से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में वाहनों की भीड़ कम करने में मदद करेगी. इन शहरों में 10 से 15 साल पुराने वाहन बड़ी संख्या में हैं.