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गणपति जी की पूजा करते वक्त रखें इन 5 बातों का ध्यान, हर इच्छा होगी पूरी।

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भगवान श्री गणेश की घर वापसी हिंदू महीने के ‘भद्रा’ में मनाई जाती है । भगवान श्री गणेश हिंदू धर्म के परम पूज्यनीय देवताओं में से एक माने जाते हैं। और इस साल यह पर्व 2 सितंबर से 12 सितंबर तक मनाया जाएगा तो अगर इस बार गणेश चतुर्थी पर आप भी करना चाहते हैं गणपति बाबा को खुश तो पूजा के समय इन पांच बातों का ज़रूर ध्यान रखें । 

मोदकभगवान गणेश मोदक प्रिय है। दरअसल मोदक एक मुलायम लड्डू की तरह है, जो एकदंत गणेश जी प्रेम से खाते हैं। गणेश जी का एक दांत परशुराम जी से युद्ध में टूट गया था। इससे अन्य चीजों को खाने में गणेश जी को तकलीफ होती है, क्योंकि उन्हें चबाना पड़ता है। मोदक काफी मुलायम होता है जिससे इसे चबाना नहीं पड़ता है। आप इनकी पूजा में मोदक जरूर चढाएं। 

दूर्वाभगवान श्री गणेश जी को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है कि सुबह उठते ही सबसे पहले स्नान करें और फिर गणेश जी को गिनकर पांच दूर्वा यानी हरी घास अर्पित करें। ध्यान रखें कि कभी भी गणेश जी के चरणों में दुर्वा नहीं रखनी चाहिए। दुर्वा गणेश जी के मस्तक पर रखनी चाहिए। दुर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’

शमीऐसे माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी रावण पर विजय पाने के लिए शमी की पूजा की थी। और शास्त्रों के अनुसार शमी ही एक मात्र पौधा है जिसकी पूजा से गणेश जी और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं। शमी गणेश जी को प्रिय है। शमी के कुछ पत्ते नियमित रूप से गणेश जी को अर्पित करने से घर में धन एवं सुख की वृद्धि होती है।

ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना है और जो हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका नाम गणपति है।

गणेश जी के लिए लाल सिंदूर का ही तिलक लगाएं। गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र बोलें, ‘सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः।’ गणेश जी को तिलक लगाने के बाद अपने माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। इससे आर्थिक क्षेत्र में आने वाली परेशानी और विघ्न से गणेश जी रक्षा करते हैं।