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मोदी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 22 वरिष्ठ अधिकारियों को किया गया जबरन रिटायर…

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 केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान जारी है। इसी कड़ी में सरकार ने एक बार फिर से भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई की है। इस बार 22 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने भ्रष्टाचार के आरोपों में 22 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को “सार्वजनिक हित” में अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 22 वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के चलते जबरन रिटायर कर दिया है। जबरन रिटायर किए गए ये सारे अधिकारी सुपरिन्टेंडेंट या एओ लेवल के हैं। इन अधिकारियों पर जनहित में मौलिक नियम 56 (जे) के तहत रिटायर किया गया है।

22 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की ओर से इस कार्रवाई को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया गया है। इसमें बताया गया, “CBIC ने भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के चलते जनहित में मौलिक नियम 56 (J) के तहत अधीक्षक/ एओ रैंक के 22 अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है।”

इससे पहले जून में सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीडीटी (CBDT) के 12 अधिकारियों समेत 27 उच्च रैंकिंग वाले आईआरएस अधिकारियों को सेवानिवृत्त किया था। उन्हें भी जनहित में मौलिक नियम 56 (J) के तहत ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। इस कार्रवाई में अभी तक करीब 49 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है।

‘पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन के बाद उठाया गया कदम’

इस मामले में सीबीआईसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के संबोधन के दौरान कही बात के अनुरूप है। प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने संबोधन में कहा था कि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके करदाताओं को प्रताड़ित किया होगा। उन्होंने या तो ईमानदार करदाताओं को निशाना बनाया होगा या फिर छोटी-छोटी गलतियों और प्रक्रियागत खामियों पर बड़ी कार्रवाई की होगी।’ अधिकारी ने आगे कहा, ‘हमने हाल ही में बड़ी संख्या में टैक्स अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त देकर बड़ा साहसिक कदम उठाया है, और हम इस प्रकार के व्यवहार को आगे भी बर्दाश्त नहीं करेंगे।’