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40 साल तक इस एक्टर ने स्क्रीन पर किया राज, आखिरी दिनों में भुखमरी और तंगहाली का हुआ था शिकार

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‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई ? फिल्म ‘शोले’ में एके हंगल का ये डायलॉग इतना चर्चित रहा था कि ये उनकी पहचान ही बन गया। एके हंगल फिल्मों में नहीं आना चाहते थे या यूं कह सकते हैं कि एक्टिंग उनका शगल नहीं रही। 26 अगस्त 2016 को उनका निधन हो गया था। उनकी पुण्यतिथि पर जानते हैं कुछ अनसुनी बातें…

एके हंगल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, लेकिन किस्मत का कुछ ऐसा साथ मिला कि वो फिल्मों में आ गए। उन्होंने फिल्मों में कई यादगार किरदार निभाए जिनके लिए हंगल साहब को हमेशा याद किया जाएगा। 40 साल के करियर में एके हंगल ने करीब 225 फिल्मों में काम किया। उनकी एक फिल्म ऐसी नहीं है जिसमें हंगल ने अपनी छाप ना छोड़ी हो।

हिंदी सिनेमा के इतिहास में एके हंगल और उनका योगदान आज भी दर्ज है, लेकिन एक वक्त था जब उसी इंडस्ट्री ने हंगल साहब का साथ छोड़ दिया जब वो आर्थिक रूप से कमजोर हो गए। ग्लैमर इंडस्ट्री का यही काला सच है। यहां लोग तभी तक आपको सिर-आंखों पर बिठाते हैं जब तक आप सूरज बनकर चमकते हैं, लेकिन जैसे ही ये सूरज चमकना बंद होता है तो उसे अर्श से फर्श पर फेंकने में भी देर नहीं लगाते। एके हंगल भी कुछ इसी तरह की पीड़ा का शिकार हुए थे।

जिस एके हंगल ने हिंदी सिनेमा में इतिहास के नए पन्ने जोड़े उसी को एक ऐसा दौर देखना पड़ा जो किसी की भी रूह कंपा दे। पद्म भूषण से सम्मानित एक्टर एके हंगल को अपने अंतिम दिनों में एक छोटे से कमरे में अपनी जिंदगी गुजारनी पड़ी। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन वो 95 साल की उम्र में अपने बेटे के साथ खंडहर जैसे घर में रह रहे थे।

एक वक्त पर हंगल साहब की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनके पास दवाईयों और मेडिकल बिल भरने तक के पैसे नहीं थे। हालांकि फिल्म इंडस्ट्री से अमिताभ बच्चन और करण जौहर जैसी कई हस्तियों ने एके हंगल की आर्थिक रूप से मदद की, लेकिन तब जब उन्हें हंगल की हालत के बारे में पता चला यानि उससे पहले किसी ने भी उनके बारे में सोचने की कोशिश भी नहीं की।

एके हंगल एक बार अपने घर में ही बाथरूम में फिसलकर गिर गए जिसके बाद उनकी जांघ की हड्डी टूट गई और पीठ में भी चोट आई। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया सर्जरी के लिए लेकिन छाती और सांस लेने में तकलीफ के चलते सर्जरी नहीं की जा सकी। हालत और बदतर होती चली गई और फिर हंगल साहब को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रख दिया गया। धीरे-धीरे उनके फेंफड़ों ने भी काम करना बंद कर दिया और फिर एक दिन वो इस दुनिया से चल बसे।