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हिम्मत है तो गोडसे को आतंकी कहिए, अमित शाह को कपिल सिब्बल ने दी चुनौती

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 राज्यसभा में गुरुवार को यूएपीए यानि अनलॉफुल एक्टिविटीज अमेंडमेंट बिल को पेश किया गया। इस बिल पर सदन में जोरदार चर्चा हुई। बिल पर आज सदन में वोटिंग कराई जाएगी। वोटिंग से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। खुद गृह मंत्री अमित शाह आज इस बिल पर जवाब देंगे। इससे पहले गुरुवार को बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला और तीखे सवालों की बौछार कर दी। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सरकार पर हमला बोलने का जिम्मा संभाला।

नाथूराम को आतंकी कहिए

कपिल सिब्बल ने सीधे तौर पर गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी आरोपी को आतंकी घोषित करने के लिए सरकार की ओर से क्या पैमाना तैयार किया गया है। अगर वह हाफिज सईद है तो वह आतंकी है, लेकिन नाथूराम गोडसे है तो क्या वह आतंकी नहीं है। सिब्बल ने शाह से कहा कि अगर आपके अंदर हिम्मत है तो सदन में खड़े होकर कह दीजिए गोडसे आतंकी है। उन्होंने कहा कि 1947 से आजतक आपके पास गोडसे को आतंकी कहने की हिम्मत नहीं हुई।

सब नजरिए की बात है

सिब्बल ने कहा कि गृह मंत्री जी यह सब नजरिए की बात है, आप जिस नजरिए से देखते हैं वो आतंकी हो जाता है। सरकार ने जिन लोगों को आज जेल में रखा है वह शिक्षाविद हैं और संयुक्त राष्ट्र से उन्हें फंडिंग की जाती है। संभव है कि आप इन लोगों को कल आतंकी घोषित कर दें, यह पूरी तरह से आपके विचार पर निर्भर है। सिब्बल ने कहा कि इस बात का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है कि किसी भी व्यक्ति को कब और क्यों आतंकी घोषित किया जाएगा। आखिर आप किसी आरोपी को जांच के किस चरण में आतंकी घोषित करेंगे। जब आप उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे या फिर चार्जशीट के बाद, या फिर ट्रायल के बाद, इस पूरे मसले का बिल में कोई भी जिक्र नहीं है।

बिल मे संशोधन की जरूरत

कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे कानून में कोई व्यक्ति तबतक निर्दोष है जबतक कि उसे उपर दोष साबित नहीं हो जाता है, लिहाजा इस बिल में संशोधन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए हर कोई आपके साथ मजबूती से खड़ा है, लेकिन इसके लिए सच को भी जानना बेहद जरूरी है। ऐसे बिल को कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए, अन्यथा लोग कोर्ट का रुख करेंगे।