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आइए जाने यहां पर, किसी भी व्यक्ति को थाली में एक साथ 3 रोटियां क्यों नहीं परोसनी चाहिए

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रोटी भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया में सामान्य खाने में पका कर खाये जाने वाली चपटी खाद्य सामग्री है। यह आटे एवं पानी के मिश्रण को गूंध कर उससे बनी लोई को बेलकर एवं आँच पर सेंक कर बनाई जाती है। रोटी बनाने के लिए आमतौर पर गेहूँ का आटा प्रयोग किया जाता है पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय अनाज जैसे मक्का, जौ, चना, बाजरा आदि भी रोटी बनाने के लिए प्रयुक्त होता है। भारत के विभिन्न भागों में रोटी के लिए विभिन्न हिंदी नाम प्रचलित हैं, जिनमे प्रमुख हैं: –
जाने इसकी असली वजह-
दोस्तों आपको बता दें कि ज्योतिस शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में एक थाली में 3 रोटियां परोसना अशुभ माना जाता है। क्योंकि धर्म ग्रंथों में 3 अंकों को अशुभ माना जाता है। इसी वजह से किसी भी शुभ कार्य में तीन लोगों को एक साथ नहीं बिठाया जाता है। किसी भी हवन या पूजा पाठ में भी तीन वस्तुओं को शामिल नहीं किया जाता है। इसलिए थाली में भी खाना परोस के समय इसी धर्म का पालन किया गया है। इसलिए एक थाली में दो रोटी 50 ग्राम चावल एक कटोरी दाल और एक कटोरी सब्जी को एक संतुलित और स्वस्थ भोजन माना जाता है।
इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि थाली में एक साथ तीन रोटी नहीं रोशनी चाहिए। और यदि ऐसी नौबत आ जाए की एक थाली में आपको एक साथ तीन रोटी परोसनी पड़े। तो उसके लिए आप रोटी को तोड़ दे। ऐसा करने से अशुभ नहीं माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि किसी व्यक्ति के मृत्यु के बाद त्रयोदशी संस्कार से पहले निकाले जाने वाले भोजन में ली जाती है। यही वजह है कि किसी व्यक्ति को एक साथ तीन रोटी रोटियां परोसना मृतक के भोजन के समान माना जाता है।