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इंदौर में मिले लाल रंग के ‘दुर्लभ’ सांप का सच

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शहर के देवास नाका क्षेत्र में उस समय लोगों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब उन्होंने यहां सिंगापुर टाउनशिप के पीछे नाले के पास लाल रंग के एक सांप को रेंगते हुए देखा। लोगों को अचरज इसलिए भी हुआ क्योंकि आमतौर पर इस रंग का सांप देखने में नहीं आता। 

इस ‘दुर्लभ’ सांप को देखने के बाद किसी व्यक्ति ने इंदौर के प्राणी संग्रहालय में फोन कर दिया। वहां से लोग आए और उस सांप को पकड़कर ले गए। यह दुर्लभ सांप लोगों में कौतूहल का विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर भी इस रंगीन सांप के चर्चे शुरू हो गए। इतना ही नहीं यह अफवाह भी शुरू हो गई कि इस तरह के सांप के दर्शन करने और छूने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इस तरह आई हकीकत सामने : जब प्राणी संग्रहालय के लोगों ने इस सांप की जांच की तो पता चला है कि यह रसेल बाइपर प्रजाति का सांप है। दरअसल, किसी असामाजिक तत्व ने इस सांप पर लाल रंग डाल दिया था या फिर यह सांप किसी रंग के डिब्बे में गिर गया होगा।

इस बात को इससे भी बल मिलता है कि देवास नाका क्षेत्र में कई गोडाउन हैं, जहां आइल पेंट और अन्य तरह के रंग रखे जाते हैं। हालांकि जब इस सांप की हकीकत सामने आई तो लोगों को बचपन में पढ़ी ‘रंगा सियार’ की कहानी याद आ गई।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ : प्राणी संग्रहालय के डॉक्टर उत्तम यादव ने लाल रंग का सांप मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह किसी असामाजिक तत्व की हरकत हो सकती है, जिससे यह रसेल बाइपर लाल रंग का हो गया। उन्होंने इस बात को भी सिरे से नकार दिया कि इसके छूने अथवा देखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें अंधविश्वास से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं।

यादव ने कहा कि रसेल बाइपर की पहचान उसकी स्किन से आसानी से हो जाती है। अभी यह सांप सामान्य स्थिति में है। जब यह केंचुली छोड़ेगा तो अपने असली रूप में आ जाएगा।