Home जानिए 1 किलोमीटर चलने के लिए ट्रेन को कितना डीजल चाहिए? जवाब सुनते...

1 किलोमीटर चलने के लिए ट्रेन को कितना डीजल चाहिए? जवाब सुनते ही उड़ जाएंगे आपके होश

38
0

भारतीय रेलवे भारत के यातायात का एक प्रमुख साधन है. रेलगाड़ी के कारण भारत का विकास बहुत तेजी से हुआ है. ट्रेन के कारण ही बहुत सारे लोग एक साथ बहुत लंबी-लंबी दूरियां तय कर सकते हैं. इसका किराया भी कम होता है. ट्रेन में एक विशाल इंजन लगा हुआ रहता है जो काफी शक्तिशाली होता है. ट्रेन बहुत सारे डिब्बों को एक साथ खींच सकता है और काफी तेज़ चल सकता है. ट्रेन का इस्तेमाल सिर्फ यात्रियों के आवागमन के लिए ही नहीं बल्कि भारी-भारी सामानों को ढोने के लिए भी किया जाता है. ट्रेन में लोग आराम से सफ़र करते हैं. पहले पुराने ज़माने में जहां एक जगह से दूसरी जगह जाने में हफ्ते लग जाते थे, अब वहीं दूरियां ट्रेन की वजह से कुछ घंटों में तय कर सकते हैं. रेलगाड़ी के कारण ही बहुत सारे गांव और शहर एक दूसरे से जुड़ पाए. भारत कि तरक्की में ट्रेन का एक महत्वपूर्ण योगदान है.

लोग ट्रेन में तो सफ़र करते हैं, पर क्या आपने कभी ट्रेन की एवरेज के बारे में सोचा है? अपनी पर्सनल गाड़ी चलाने पर हम एवरेज का बहुत ख्याल रखते हैं.

हर वक़्त हमारी नज़रें पेट्रोल के कांटे पर टिकी हुई होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं एक रेलगाड़ी को एक किलोमीटर चलने के लिए कितना डीज़ल चाहिए? शायद आपने इस बारे में कभी सोचा न हो. कोई बात नहीं, हम आज आपको बतायेंगे कि एक किलोमीटर चलने के लिए एक ट्रेन को कितने लीटर डीज़ल की आवश्यकता पड़ती है.

एक किलोमीटर चलने पर कितना डीज़ल लगता है इस बात का अंदाज़ा लगाना आमतौर पर मुश्किल है. लेकिन काफी रिसर्च करने के बाद इस बात का जवाब मिल चुका है. कोरा पर राजन प्रधान नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि एक रात वह औरंगाबाद के स्टेशन पर ट्रेन का इंतज़ार कर रहा था. वहां पर उसने देखा कि ट्रेन का ड्राइवर ट्रेन के इंजन को खुला छोड़कर चाय-पानी पीने चला गया.

उस वक़्त मेरे मन में सवाल आया कि क्या ट्रेन डीज़ल नहीं खाती, जो ये लोग उसे बंद किये बिना चले जाते हैं? दूसरा सवाल यह आया कि ट्रेन आखिर कितना एवरेज देती है? मैं जहां नाश्ता कर रही थी वहीं पर लोको पायलट भी नाश्ता करने आया. फिर मैंने उससे आखिर पूछ ही लिया कि वह इंजन को चालू छोड़कर क्यों आया है और क्या उसमें डीज़ल नहीं लगता?

सवाल सुनकर लोको पायलट जिसका नाम पवन कुमार था और ग्वालियर का रहने वाला था, ने कहा कि ट्रेन के इंजन को बंद करना तो आसान है पर इसे चालू करना बहुत मुश्किल होता है. इसे दोबारा चालू करने में कम से कम 25 लीटर डीज़ल खर्च हो जाता है. वहीं ट्रेन की बात करें तो एक किलोमीटर चलने में यह 15 से 20 लीटर डीज़ल खाता है. उसके द्वारा दी गयी यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण थी