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10 साल में बहुत हालत सुधरी, फिर भी देश के 37 करोड़ लोग गरीब

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भारत में 2005-06 से 2015-16 के बीच 27.1 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. वहीं दुनिया के सबसे गरीब क्षेत्रों में झारखंड ऐसा क्षेत्र है, जहां गरीबी सबसे तेज कम हुई है. ग्लोबल मल्टीडायरेक्शनल पावर्टी इंडेक्स (MPI) 2019 में ये बातें सामने आई हैं. बता दें कि यह रिपोर्ट 11 जुलाई को जारी हुई है. इस रिपोर्ट को ऑक्सफोर्ड पावर्टी एंड ह्यूमन डिवेलपमेंट इनिशिएटिव (OPHI) और यूनाइटेड नेशन डिवेलपमेंट प्रोग्राम ने मिलकर तैयार किया है. इस रिपोर्ट में 10 इंडीकेटर्स के आधार पर गरीबी को लेकर 101 देशों की स्थिति बताई गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, 2005-06 से 10 साल में कई पैमानों पर झारखंड में गरीबी 74.9 फीसदी से कम होकर 46.5 फीसदी पर आ गई. दुनिया के सबसे गरीबी क्षेत्रों में झारखंड के बाद गरीबी में सबसे तेजी से कमी कंमोडिया के रतनाक किरी में दर्ज की गई है.2005-06 से 2015-16 के बीच भारत की गरीबी 55.1 फीसदी से गिरकर 27.9 फीसदी (64 करोड़ लोगों से 36.9 करोड़ लोगों) पर आ गई.

विकासशील देशों के बीच, ऐसे 10 देश जिनकी कुल जनसंख्या 2 अरब है, भारत की MPI वैल्यू में सबसे तेज गिरावट आई है. भारत ने MPI के 10 इंडीकेटर्स में से ज्यादातर में सुधार किया है, जिनमें संपत्ति, खाने बनाने का ईंधन, स्वच्छता और पोषकता शामिल हैं. बता दें कि MPI में गरीबी की व्यापकता और तीव्रता दोनों को शामिल किया जाता है.भारत उन 3 देशों में शामिल है, जहां ग्रामीण इलाकों की गरीबी शहरी इलाकों की गरीबी की तुलना में तेजी से कम हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, यह गरीबी से निपटने वाले विकास का संकेत है.

ग्लोबल MPI के मुताबिक, भारत के जिन 4 राज्यों में सबसे ज्यादा MPI वैल्यू है, उनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं.