Home समाचार राहुल गांधी बोले- कमलनाथ, गहलोत ने पार्टी से ऊपर रखा परिवार, बेटों...

राहुल गांधी बोले- कमलनाथ, गहलोत ने पार्टी से ऊपर रखा परिवार, बेटों को टिकट दिलाने पर लगाया जोर

21
0

कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया. राहुल ने लोकसभा में हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से हटने का प्रस्ताव दिया था. शनिवार को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल ने वरिष्ठ नेताओं पर भी नाराजगी जाहिर की. राहुल ने कहा कि इन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी हित से ऊपर अपने निजी हित को रखा.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार बैठक में राहुल काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अपने बेटों को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाया. रिपोर्ट के अनुसार राहुल ने यह बात कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की उस टिप्पणी पर कही जिसमें उन्होंने स्थानीय नेताओं को तैयार करने की बात कही थी. रिपोर्ट के मुताबिक राहुल ने कहा कि पार्टी ने उन राज्यों में भी बहुत खराब प्रदर्शन किया, जहां उसकी सरकार थी. उन्होंने कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने अपने बेटों को टिकट दिलाने पर जोर दिया, जबकि वह इसके पक्ष में नहीं थे. राहुल ने इसी संदर्भ में पी. चिदंबरम का नाम भी लिया.

राहुल ने ली हार की जिम्मेदारी

इस बैठक में राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव की हार की जिम्मेदारी ली और कहा कि वह अध्यक्ष पद पर बने नहीं रहना चाहते हैं, लेकिन पार्टी एवं इसकी विचारधारा के लिए काम करते रहेंगे. सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी तथा पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें रोका.

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कई नेताओं ने राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश को खारिज किया और कुछ भावुक भी हो गए. बैठक में शामिल एक नेता ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने तो यहां तक कह दिया कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़ते हैं तो दक्षिण भारत में लोग भावना में आकर कुछ भी कदम उठा सकते हैं.

CWC की बैठक में राहुल गांधी के अलावा यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कार्यसमिति के अन्य सदस्य शामिल हुए. लोकसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. वह 52 सीटों पर सिमट गई है. 2014 के चुनाव में 44 सीटें जीतने वाली पार्टी को इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया.