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सावधान! इस भूल का फायदा उठाकर हो रहा है ATM से अपने-आप पैसे निकलने का फ्रॉड

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दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से रोजाना एटीएम फ्रॉड के कई मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में दिल्ली में रहने वाले लोगों के एटीएम पर खतरा काफी हद तक बढ़ गया है. हाल ही में तिलक नगर में 88 लोगों के एटीएम से 19 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया था. इस पर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि एटीएम कार्ड को इस्तेमाल करते वक्त सावधानी नहीं बरतने से लोगों के खाते में फ्रॉड हो रहा है. ये जालसाज कार्ड क्लोनिंग के जरिए एटीएम कार्ड तक अपनी पहुंच रहे हैं, जिसके बाद आपको ठगना उनके लिए बाएं हाथ का खेल है. इसलिए एटीएम से पैसे निकालते वक्त और कार्ड से पेमेंट करते वक्त आपको सावधानी बरतने की जरूरत है.

आइए जानें कैसे जालसाज देते हैं इस तरह की वारदात को अंजाम..

ऐसे तैयार होता हैं आपके ATM कार्ड का डुप्लीकेट
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एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कई तरह की कार्ड स्किमर डिवाइस होती हैं जिनके अंदर क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करने पर उस कार्ड की सारी जानकारी आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में आ जाती है.
>> इसके बाद एक खाली कार्ड लिया जाता है और एडवांस्ड तरह के प्रिंटर के जरिए क्लोन किए गए कार्ड की सारी जानकारी उस कार्ड के ऊपर प्रिंट कर दी जाती है.

>> कई बार तो हूबहू ओरिजनल कार्ड के जैसा डुप्लीकेट या क्लोन्ड क्रेडिट-डेबिट कार्ड तैयार कर लिया जाता है.

इन जगहों पर हो सकता हैं आपके साथ धोखा- जालसाज डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डाटा चुराने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते  हैं. आपके कार्ड का डाटा चुराकर आपके कार्ड से कैसे शॉपिंग की जाती है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि होटल, पेट्रोल पंप, मेडिकल जैसे कई जगहों पर आपके साथ धोखा हो सकता है. स्किमिंग, क्लोनिंग, फिशिंग से कैसे आपके डाटा की चोरी होती है.

इन चीजों का इस्तेमाल करते हैं धोखेबाज़

(1) फिशिंग में साइबर क्रिमिनल, कार्ड धारक के बैंक की ईमेल आईडी से मिलती-जुलती एक फर्जी ई-मेल आईडी तैयार करते हैं. उस फर्जी ई-मेल आईडी को कस्टमर को भेजकर सीक्रेट डेटा मंगाते हैं.

(2) क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग के जरिए डुप्लिकेट कार्ड बनाकर लोगों को शिकार बनाते हैं. दरअसल, क्रेडिट कार्ड को मशीन से स्वाइप करने के दौरान ही कार्ड की मैगनेटिक स्ट्रिप पर दर्ज सारे डेटा को चुरा लिया जाता है. इसके बाद डुप्लिकेट कार्ड तैयार कर जालसाज शॉपिंग कर लेते हैं.

(3) बैंक की तरह मिलती-जुलती वेबसाइट की मदद से कार्ड की डिटेल लेकर भी कस्टमर को जालसाज अपना शिकार बनाते हैं. जैसे ही आप बैंक की साइट खोलते हैं, उसी लिंक से फर्जी साइट भी खुल जाती है. इस वेबसाइट में आप जैसे ही अपने कार्ड का नंबर व पासवर्ड एंटर करेंगे उसकी जानकारी जालसाजों के पास पहुंच जाती है.

एटीएम से पैसे निकालते वक्त रहें सावधान-जिस जगह पर आप अपना कार्ड डालते हैं, वहां चेक कीजिए कि स्लॉट के ऊपर कोई दूसरी चीज अलग से तो नहीं लगी है.

>> स्कीमर देखने में मशीन का हिस्सा ही लगती है. आसपास की दीवारों और कीबोर्ड के आसपास देखें कि वहां कहीं कोई कैमरा तो नहीं लगा है.

>> अगर किसी भी मशीन पर जरा भी शक हो तो उसका इस्तेमाल न करें और बैंक या वहां मौजूद किसी कर्मचारी को जरूर बताएं.

>> एटीएम से पैसा निकालते वक्त किसी को अपने आसपास न खड़ा होने दें. हो सकता है कि आपके पीछे खड़ा शख्स ही आपका एटीएम पिन देखकर आपको चूना लगानेवाला हो.

>> इसलिए एटीएम में कोई अन्य शख्स हो या नहीं आपको हमेशा दूसरे हाथ से कीबोर्ड को कवर करके पिन डालना चाहिए.

पेमेंट करते वक्त- किसी शॉप, मॉल या अन्य जगह पर अगर आप कार्ड से पेमेंट करते हैं तो भी सावधान होने की जरूरत है. अगर कोई आपसे स्वाइप मशीन दूर रखी है, कार्ड दीजिए स्वाइप करके ला देते हूं आदि बातें कहे तो बिल्कुल न सुनें. हमेशा अपने कार्ड को अपने सामने ही स्वाइप करवाएं और खुद ही पासवर्ड डालें.

इन जरूरी बातों का रखें ख्याल
>> एटीएम से रकम निकालने से पहले जांच लें कि कोई स्कीमर तो नहीं है.
>> स्वैपिंग पॉइंट के अगल-बगल हाथ लगाकर देखें. कोई वस्तु नजर आए तो सावधान हो जाएं. स्कीमर की डिजाइन ऐसी होती है कि वह मशीन का पार्ट लगे.
>> कीपैड का एक कोना दबाएं, अगर पैड स्कीमर होगा तो एक सिरा उठ जाएगा.
>> मौजूदा समय में जरूरी है कि डेबिट कार्ड का पिन बदल दें. इससे जालसाजों के जाल में फंसने से बच सकते हैं.
>> अपना कार्ड कहीं दूर न ले जाने दें.
>> सामने खड़े हो कर कार्ड पेमेंट करें.
>>  होटल, पंप, मेडिकल, दुकान पर इस बात की सावधानी रखें.
>>  फोन पर अपना पासवर्ड किसी को न बताएं.
>> लालच देने वाले फर्जी मेल से सावधान रहें.