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भारत, चीन, रूस की बैठक में उठेगा मसूूद अजहर का मुद्दा

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वुझेन। भारत, चीन और रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करने का मुद्दा उठ सकता है। वुझेन में बुधवार को होने जा रही बैठक में पुलवामा आतंकी हमले को भी उठाया जा सकता है। आरआइसी विदेश मंत्रियों की यह 16वीं बैठक होने जा रही है। सालाना त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपने चीनी और रूसी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगी। इसमें यूएन की 1267 कमेटी द्वारा अजहर को सूचीबद्ध करने का मुद्दा भी उठ सकता है।

स्वराज की चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात महत्व रख रहा है। पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बैठक होगी। वीटो शक्ति से संपन्न चीन 2016 से लगातार भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रयासों में रुकावट बनता आया है। लेकिन 21 फरवरी को पुलवामा हमले पर यूएन सुरक्षा परिषद के बयान का उसने समर्थन किया था।

यूएनएससी के बयान में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देश जम्मू एवं कश्मीर में घृणित और कायरता पूर्वक किए गए आत्मघाती हमले की मजबूत शब्दों में निंदा करते हैं। जैश-ए-मुहम्मद ने 14 फरवरी को हुए हमले की जिम्मेवारी ली है। लेकिन जिस बयान में जैश के नाम का उल्लेख किया गया था उसका समर्थन करने के अगले दिन चीन ने उसे हल्का करने की कोशिश की।

बीजिंग ने कहा कि बयान में जैश का उल्लेख केवल सामान्य लहजे में किया गया है और यह कोई फैसला नहीं है। उसने यह भी कहा कि पाकिस्तान सरकार भारत के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है और बातचीत कर सभी मतभेदों का समाधान करना चाहता है। यूएन द्वारा अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का मुद्दा यूएन सुरक्षा परिषद की 1267 कमेटी के सामने उठने की उम्मीद है। वीटो से संपन्न फ्रांस ने कहा है कि वह प्रस्ताव पेश करेगा। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव के साथ बातचीत में स्वराज यह मुद्दा उठा सकती हैं।

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