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तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश में ₹1332 करोड़ का रेल प्रोजेक्ट मंजूर:14 लाख लोगों तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी; कैबिनेट बैठक में फैसला

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नई दिल्ली- केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में बुधवार को कई अहम प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में तिरुपति से कटपडी तक 104 किमी की सिंगल रेलवे लाइन को डबल लाइन में बदला जाएगा।

कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने पत्रकारों को फैसलों की जानकारी दी। - Dainik Bhaskar
कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने पत्रकारों को फैसलों की जानकारी दी।

इसमें करीब 1332 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इससे आंध्र प्रदेश के तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर तक कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ ही अन्य प्रमुख स्थलों जैसे श्री कालहस्ती शिव मंदिर, कनिपकम विनायक मंदिर, चंद्रगिरी किला आदि तक भी रेल कनेक्टिविटी हो सकेगी।

यह मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से करीब 400 गांवों और करीब 14 लाख आबादी तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसके साथ ही इस परियोजना से रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में करीब 113 किमी बढ़ जाएगा।

PMKSY के तहत ₹1600 करोड़ की सबस्कीम मंजूर इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत एक सबस्कीम को मंजूरी मिली है। इसके तहत कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट (M-CADWM) को अपग्रेड करने के लिए 1600 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं।

इस योजना से किसी क्लस्टर में मौजूदा नहरों या पानी के अन्य स्रोतों से सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति की जा सकेगी। इसमें पानी के सोर्स से एक हेक्टेयर तक के खेत तक अंडरग्राउंड पाइप लाइन के जरिए प्रेशराइज्ड वाटर सप्लाई होगी।

इससे माइक्रो एरिगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) के लिए मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा। हालांकि, अभी पायलट प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी मिली है। इसके नतीजों के आधार पर 1 अप्रैल, 2026 से पूरे देश में योजना शुरू की जाएगी।

78 पायलट प्रोजेक्ट्स के जरिए करीब 80 हजार किसान शामिल होंगे। पाइप लाइन डालने के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं होगा। पानी की बचत के लिए इस योजना में सरफेस वाटर (नदी, तालाब, झील आदि) का इस्तेमाल होगा।

पानी के ऑटोमैटिक कंट्रोल के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) यानी संसाधनों के नेटवर्क और सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्यूजिशन (SCADA) सिस्टम का इस्तेमाल होगा। योजना में सैटेलाइट डेटा और जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (GIS) का भी इस्तेमाल होगा। सही समय पर पानी की सही मात्रा के लिए AI का इस्तेमाल किया जाएगा।

पंजाब-हरियाणा के लिए ₹1878 करोड़ का रोड प्रोजेक्ट

कैबिनेट ने 6 लेन जीरकपुर बाईपास को भी मंजूरी दी है। यह जो जीरकपुर में NH-7 (चंडीगढ़-बठिंडा) के साथ जंक्शन से शुरू होगा और हरियाणा के पंचकुला में NH-5 (जीरकपुर-परवाणू) के साथ जंक्शन पर खत्म होगा।

1878.31 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह प्रोजेक्ट पंजाब-हरियाणा में कुल 19.2 किमी का इलाका कवर करेगा। इस परियोजना का मकसद पटियाला, दिल्ली, मोहाली एयरोसिटी के ट्रैफिक को डायवर्ट करना और हिमाचल प्रदेश को सीधी कनेक्टिविटी देकर जीरकपुर, पंचकुला और आसपास के इलाकों में भीड़भाड़ कम करना है।