इंफाल-
मणिपुर के 40 विधायकों ने बुधवार को पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने अपनी 6 मांगों को रखा है। इनमें मणिपुर में NRC लागू करने, उग्रवादियों से हथियार वापस लेने और शांतिवार्ता की पहल शामिल है।
वहीं, विशेष विधानसभा सत्र की मांग को लेकर सैकड़ों महिलाओं ने बुधवार रात करीब 9.30 बजे इंफाल के कीसंपत, कीसमथोंग और क्वाकीथेल और इंफाल पूर्वी जिले के वांगखेई और कोंगबा में मशाल जुलूस भी निकाला।
उधर, स्थानीय पुलिस और असम राइफल्स आमने-सामने हो गए हैं। दोनों के बीच टकराव बढ़ गया है। दोनों के बीच बहस के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आ चुके हैं।
1.उपद्रवियों से हथियार वापस लिए जाएं
सुरक्षा बलों की साधारण तैनाती काफी नहीं। हिंसा को रोकने के लिए उपद्रवियों से हथियार वापसी बेहद जरूरी है। कई खबरें आईं, जब किसान खेतों में काम करने बाहर गए और ऊंचाई पर बैठे लोगों ने उन पर गोलियां चला दीं। इन घटनाओं में अत्याधुनिक हथियार स्नाइपर राइफल और रॉकेट ग्रेनेड इस्तेमाल हुए हैं।
कई बार ये घटनाएं केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी में हुईं और वे कुछ नहीं कर सके। इससे उन लोगों को भरोसा कम हुआ और गुस्सा बढ़ा। असम राइफल्स (9, 22 और 37) को हटाकर उनकी जगह राज्य और सेंट्रल फोर्स को तैनात किया जाए, ताकि शांति बहाल हो सके।
2. सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन की वापसी
30 कुकी समुदाय के 25 समूहों के साथ 2008 में हुए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन के समझौते को वापस लिया जाए, क्योंकि यहां नियमों का उल्लंघन किया है। राज्य में हथियारों और गोला-बारूद समेत बड़े पैमाने पर विदेशी घुसपैठ हुई है। इनके सोर्स और फंडिंग की जांच की जाए, ताकि यह पता चल सके कि पिछले तीन महीनों से संघर्ष कैसे चल रहा है और हथियार कैसे आ रहे हैं।
3. NRC को लागू करना
संघर्ष को रोकने के लिए इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से देखा जाना चाहिए। कई ऑप्शन हैं, उनमें से एक मणिपुर के मूल निवासियों के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स को जल्द लागू किया जा सकता है। अप्रवासियों के बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन की जो शुरुआत हुई है, उसे और मजबूती दी जाए।
4. अलग प्रशासन नहीं
यह एक सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट है जिसे जरूर उठाया जाना चाहिए। ITLF/कुकी की मांग पर राज्य में अलग प्रशासन किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है।
5. ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल की शक्तियां बढ़ाएं
सभी समुदायों का भरोसा दिलाने के लिए ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (ADC) को मजबूत करें। हिल एरिया कमेटी और छह ADC के लिए नियमित चुनाव पर विचार कर सकते हैं।
6. शांति वार्ता की पहल
इन पांच बातों के पूरा होने के बाद आवश्यक शांति वार्ता शुरू की जा सकती है और चल रहे संकट का एक परमानेंट सॉल्यूशन निकाला जा सकता है।
मोइरंग लमखाई चेकपॉइंट से असम राइफल्स को हटाया
राज्य के एडीजी ने बिष्णुपुर जिले के मोइरंग लमखाई चेकपॉइंट से असम राइफल्स को हटाकर उसकी जगह पुलिस और CRPF को तैनात किया है। यह कदम मैतेई महिलाओं के संगठन मेइरा पाइबीस के असम राइफल्स को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया गया है। संगठन का आरोप है कि असम राइफल्स कुकी समुदाय की तरफदारी कर रहा है। मैतेई समुदाय की मांग को मणिपुर के भाजपा विधायक का भी समर्थन मिल रहा है।