भिलाई-
शिक्षा सत्र 2023-24 के तहत प्रवेश की प्रक्रिया 16 जून से चल रही है। 14 अगस्त तक प्रवेश पोर्टल खोला गया है। फिर भी जिले में स्वामी आत्मानंद स्कूलों की तर्ज पर खोले गए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय में विद्यार्थियों की रुचि कम है। यहां पांच संकायों में पढ़ने और पढ़ाने की व्यवस्था है। सभी के लिए 50-50 सीटें भी तय की गई हैं। सभी को मिलाकर यहां सीटों की संख्या 250 है, लेकिन अभी तक 83 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
इसमें बीएससी गणित में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या सिर्फ 7 है। यहां अभी तक प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम होने का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है कि यह दुर्ग शहर से दूर चला गया है और यहां प्राध्यापकों के तीन पद रिक्त हैं। इसके अलावा तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की भर्ती अभी तक नहीं हो पाई है। मैन पावर कम होने की वजह से भी विद्यार्थी और उनके अभिभावक रुचि नहीं ले रहे हैं।
बालक छात्रावास बना गर्ल्स हॉस्टल बन रहा
यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की आवासीय सुविधा के लिए 100 सीटर बालक छात्रावास बनाया जा चुका है और बालिका छात्रावास बनाने का काम चल रहा है। वर्तमान में आधुनिक उपकरणों से सजी कंप्यूटर विज्ञान, प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान की प्रयोगशालाएं यहां हैं। सूचना तकनीकी से अध्यापन के लिए एक स्मार्ट बोर्ड युक्त स्मार्ट क्लास तथा तीन इंटर एक्टिव फ्लैट पैनल युक्त कक्षों में पढ़ाने का काम हो रहा है।
बीसीए, बीकॉम समेत 5 विषयों की पढ़ाई हो रही
आदर्श महाविद्यालय की शुरुआत बीएससी कंप्यूटर साइंस से की गई। शिक्षा सत्र 2022-23 से यहां बीएससी (बायोलॉजी), बीएससी (गणित), बीसीए और बीकॉम कंप्यूटर की पढाई हो रही है। प्रत्येक विषय की 50-50 सीटें रखी गई हैं। विभागीय अफसरों की मानें तो यहां अभी तक बीसीए में 22, बीकॉम कंप्यूटर में 16, बीएससी कंप्यूटर साइंस में 14, बीएससी बायोलॉजी में 24 और बीएससी गणित में सिर्फ 7 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया।
नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई कराने की है तैयारी
शिक्षा सत्र 2024-25 से यहां नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ने-पढ़ाने का काम शुरू किया जा सकता है। इससे विद्यार्थियों को एक से अधिक संकायों में पढ़ने का मौका मिल सकता है। उनके अंकों को क्रेडिट अंकों के रूप में एक बैंक बनाकर सुरक्षित रखा जाएगा। इन क्रेडिट अंकों का वह अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकेंगे। इसके अलावा यहां शिक्षा को रोजगार परक बनाने के लिए सामान्य विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रम के साथ-साथ मूल्य वर्धित लघु अवधि के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
तृतीय वर्ग के 8 और चतुर्थ के 13 पद रिक्त
शासन ने इस महाविद्यालय के संचालन के लिए 12 सहायक प्राध्यापक, तृतीय श्रेणी कर्मचारी के 9 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 13 पद स्वीकृत किए हैं। इनमें से सहायक प्राध्यापकों के 9 पदों पर और तृतीय श्रेणी के एक पद पर नियमित नियुक्ति हुई है। अभी तीन सहायक प्राध्यापक, 8 तृतीय श्रेणी और 13 चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त हैं। रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।
2015 में कॉलेज की स्थापना, साइंस कॉलेज से संचालन
वर्ष 2015 में इस महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 2015 में हुई। शिक्षा सत्र 2022-23 तक इसका संचालन साइंस कॉलेज में होता रहा। नए भवन के निर्माण के बाद 7 अक्टूबर 2022 से धनोरा स्थित नए परिसर में इसका स्थानांतरण हुआ। पिछले शिक्षा सत्र में यहां 272 विद्यार्थी पढ़ रहे थे। इस बार साइंस कॉलेज के स्थान पर नए भवन में इसका संचालन स्वतंत्र रूप से हो रहा है।