रायपुर-
पिछली भाजपा सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने 2021 में गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया, लेकिन यह अस्तित्व में ही नहीं आ सका है। इसका नोटिफिकेशन 2 साल से राज्य सरकार रोके हुए है। शासन का मत है कि जहां रिजर्व घोषित किया गया, उस पूरे इलाके में महत्वपूर्ण खनिजों की खदानें और घना जंगल है। रिजर्व बनने के बाद अगर इस इलाके में खनन बंद करना पड़ा तो इससे राज्य को गंभीर आर्थिक संकट उठाना पड़ सकता है।
छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में टाइगर 19 से घटकर 17 रह गए है। रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने जारी की है। बाघों की संख्या कम क्यों हुई, इस पर भास्कर की पड़ताल में यह बात सामने आई कि प्रदेश में 4 टाइगर रिजर्व मंजूर हैं, लेकिन अस्तित्व में केवल 3 ही हैं। चौथा यानी गुरु घासीदार टाइगर रिजर्व केंद्र से 2021 में मंजूर जरूर हुआ, लेकिन राज्य शासन ने इसे रोक दिया। दरअसल जिस एरिया को मिलाकर टाइगर रिजर्व घोषित किया गया, वहां घने जंगलों के साथ-साथ अकूत खनिज संपदा भी है। शेष|पेज 6
इस इलाके रिजर्व में बदलने का प्रस्ताव 2012 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने केंद्र को भेजा था। प्रस्तावित टाइगर रिजर्व के मामले में राज्य के खनिज विभाग ने वन विभाग के एक पत्र पर अभिमत दिया है कि प्रस्तावित रिजर्व में खनिज का दोहन प्रदेश के औद्योगिक विकास, रोजगार और राज्य की आय के लिए महत्वपूर्ण है। टाइगर रिजर्व बनने से यही प्रभावित होगा। इसीलिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनटीसीए) से मंजूरी के बावजूद यह टाइगर रिजर्व अस्तित्व में नहीं आ सका।
विशेष अनुमति से माइनिंग संभव
प्रदेश की सरकारी एजेंसियों का तर्क है कि प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में कोल ब्लॉक हैं। इसके शुरू होने से आय के स्त्रोत बाधित होंगे। लेकिन भास्कर की पड़ताल में पता चला कि पन्ना टाइगर रिजर्व में राज्य सरकार ने मई 2023 में हीरे की खोज की अनुमति दे दी है। इसी तरह, कान्हा टाइगर रिजर्व में बाक्साइट तथा बांधवगढ़ और पलामू टाइगर रिजर्व में भी खनिज भंडार हैं। यहां भी विशेष अनुमति के साथ खनन हो सकता है।
पूर्व सरकार ने भेजा था ड्राफ्ट
छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला सेंचुरी को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट एनटीसीए को भेजा गया था। एनटीसीए ने ही इसे टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी दी। अब यह मामला इस रिजर्व एरिया के कोल ब्लॉक, आइल ब्लॉक और मिथेन गैस ब्लॉक पर फंस गया है। इसी संबंध में राज्य खनिज विभाग और केंद्र को पत्र लिखाकर अभिमत मांगा है, हालांकि अंतिम निर्णय राज्य का ही है। गौरतलब है, प्रस्तावित गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल के हिसाब से देश का तीसरा सबसे बड़ा रिजर्व होगा। यहां के डायरेक्टर आर. रामकृष्णना ने कहा कि प्रस्तावित टाइगर रिजर्व क्षेत्र में माइनिंग ब्लॉक आ रहे हैं।
हालांकि एक पक्ष यहां टाइगर रिजर्व के फायदे भी बता रहा है। उनका तर्क है कि नए रिजर्व से टाइगर को अतिरिक्त प्रोटेक्शन मिलेगी। साइंटिफिक मॉनीटरिंग होगी, टाइगर की काउंटिंग बेहतर ढ़ंग हो पाएगी तथा वाइल्ड लाइफ टूरिज्म बढ़ने से रोजगार भी बढ़ेगा। साथ ही, जंगल कटाई और शिकार पर भी रोक लगेगी।
वह सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है
- एनटीसीए ने 2021 में गुरु घासीदास, रामगढ़ विषधारी और श्री विल्लिपुथुर मेथामलाई को टाइगर रिजर्व बनाने मंजूरी दी।
- इनमें गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व को छोड़कर शेष दोनों अस्तित्व में आ गए हैं। जबकि यहां 3-4 बाघों का मूवमेंट भी है।
- एनटीसीए की मार्च 2023 की रिपोर्ट,-देश के 53 टाइगर रिजर्व में छत्तीसगढ़ के टाइगर रिजर्व की 39, 48 व 50 रैंकिंग।
- गुरु घासीदास रिजर्व का प्रस्तावित एरिया 2829.38 वर्ग किमी है। इसमें हिरण प्रजाति के प्राणियों के अलावा तेंदुआ भी है।
- गुरु घासीदार पार्क से पलामू तक, बांधवगढ़ रिजर्व और संजय-दुबरी बड़ा कॉरीडोर है। इसीलिए यहां मंजूरी तुरंत दी गई।
एक्सपर्ट व्यू – उपेंद्र दुबे, टाइगर एक्सपर्ट, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ
बाघ की सुरक्षा के लिए बेहतर
जब एनटीसीए ने मंजूरी दे दी है, तो उसके बाद कोई सवाल ही नहीं बचता है। गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में टाइगर हैं और इनका अच्छा मूवमेंट भी है। निश्चित तौर पर टाइगर रिजर्व के नोटिफिकेशन के बाद यह एनटीसीए के अधीन आ जाएगा। टाइगर की सघन निगरानी शुरू हो जाएगी, प्रोटेक्शन और ज्यादा होगा। साथ ही बायोडायर्सिटी के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा।
कैमरा ट्रैपिंग होगी
“गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने की प्रक्रिया जारी है। नोटिफिकेशन दिसंबर तक जारी होने की उम्मीद है। वहां भी 3-4 बाघ हैं। अगली गणना में गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में भी कैमरा ट्रैपिंग होगी।”
-सुधीर अग्रवाल, पीसीसीएफ-वाइल्ड लाइफ
खनिज का दोहन
“केंद्र सरकार को किसी वन क्षेत्र में खनिज का दोहन करना है, तो वह क्षेत्र विशेष में ही खनन करेगी, न की पूरे रिजर्व पर। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि देश में एक भी टाइगर रिजर्व नहीं है, जहां पर प्राकृतिक संसाधन न हों।”