ब्यूरोचीफ
सुनील खोब्रगढ़े-
बालाघाट- समाज के हर व्यक्ति को घरों एवं उसके आसपास मिलने वाली आयुर्वेदिक औषधि की जानकारी होना चाहिए और उसके गुणों का पता होना चाहिए स्वस्थ रहने के लिए आयुष चिकित्सा पद्धति को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने की आवश्यकता है हमारे घरों के आसपास ही और घरों में ही आयुर्वेदिक औषधियां उपलब्ध है हर व्यक्ति को अपने घर आंगन में कम से कम 5 औषधीय पौधे अवश्य लगाना चाहिए यह बातें मध्य प्रदेश शासन के आयुष एवं जल संसाधन राज्यमंत्री श्री राम किशोर नानू कावरे ने आज 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्म दिवस के अवसर पर ग्राम कुसमी में आयोजित जिला आयुष शिविर को संबोधित करते हुए कही।
ग्राम कोसमी में आयोजित इस आयुष चिकित्सा शिविर में आयुर्वेद होम्योपैथिक एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति से मरीजों का उपचार किया गया । इस शिविर में जनपद पंचायत बालाघाट के अध्यक्ष श्री फूलचंद सहारे, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री दिनेश पटेल, सतिश लिल्हारे, जनपद सदस्य दीक्षा मेश्राम, सरपंच श्रीमती अंबिका नगपुरे, जिला आयुष अधिकारी डॉ मिलिंद चौधरी, तहसीलदार श्री नीतिन चौधरी, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी श्री अंजुल अयंक मिश्रा, ग्राम पंचायत के सरपंच एवं बड़ी संख्या में उपचार कराने आए ग्रामीण जन उपस्थित थे । सुशासन दिवस पर आयोजित इस शिविर में आयुष मंत्री श्री रामकिशोर नानो कावरे के उद्बोधन का प्रदेश के सभी 52 जिलों में सीधा प्रसारण दिखाया गया और सभी जिलों में आयुष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आयुष मंत्री श्री कावरे ने शिविर में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति है और इसका हमें अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए इस चिकित्सा पद्धति के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं इतना अवश्य है कि इस पद्धति से उपचार कराने के लिए हमें धैर्य और संयम की जरूरत होती है कोरोना काल में आयुष विभाग द्वारा तैयार किया गया चूर्ण बहुत उपयोगी साबित हुआ है। आज कोसमी में आयोजित इस शिविर में आयुर्वेदिक , होम्योपैथिक एवं यूनानी तीनों चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक उपस्थित हैं और मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं । इसी तरह के शिविर आज प्रदेश के सभी जिलों में लगाए गए हैं और आयुष चिकित्सकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इन शिविरों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित करें।
जिला आयुष अधिकारी बालाघाट डॉ मिलिंद चौधरी ने बताया कि आमजनों को आयुष मेले के माध्यम से आयुष विभाग के विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जानकारियां दी जाकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है. मेले में आयुर्वेद खाद्य पदार्थ प्रदर्शनी. पंचकर्म प्रदर्शनी. हर दिन हर घर आयुर्वेद प्रदर्शनी. हर्बल उद्यान प्रदर्शनी. योगाभ्यास प्रदर्शनी स्टॉल के माध्यम से आयुष चिकित्सा पद्धति का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। साथ ही देवारण्य योजना के अंतर्गत ओषधि पौधों का वितरण किया गया । आयुष विभाग अंतर्गत आयुष मेला कोसमी में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा पद्धति के द्वारा 1100 रोगियों का उपचार कर निःशुल्क ओषधि वितरण. त्रिकूट काढ़ा वितरण. आयुष रक्षा कीट वितरण किया गया ।