छोटे बच्चे भी कई बार बेहद एग्रेसिव हो सकते हैं. बच्चों से छीना-झपटी, उनको हिट करना या बहुत तेज चिल्लाना और उनकी बात ना मानने तेज तेज रोना ये सब बच्चों का ऐसा बिहेवियर है जो कई बार पैरेंट्स के लिये भी शर्मिंदिगी पैदा कर देता है. खासतौर पर 5-6 साल के बच्चे इस तरह का व्यवहार करते हैं क्योंकि ना तो वो बड़े बच्चों जितने समझदार होते और ना ही एक छोटे बच्चे की तरह शांत होते. उनका एक्सपोजर बढ़ रहा होता है और वो हर बात को जल्दी कॉपी करते हैं और उसी फॉर्म में एक्सप्रेस करते हैं. अगर आपको भी अपने बच्चे के ऐसे बिहेवियर पर कंट्रोल करना है तो इन बातों को अपनायें.
बच्चे को घर से सिखायें- घर से ही बच्चा हर बात सीखता है. अगर आप चाहते हैं कि बच्चा एग्रेसिव ना बने तो उसके सामने चिल्लाना-चीखना या लड़ाई झगड़ा बिल्कुल बंद कर दें. बच्चे से प्यार से बात करें, उसे मारें पीटें नहीं और ना ही बहुत ऊंची आवाज में बात करें.
बच्चे के मन को उलझायें- बच्चा जैसे ही कुछ जिद करे उसका दिमाग तुरंत डायवर्ट करने की कोशिश करें. उसे कोई चीज के बारे में सर्प्राइजिंग ढ़ंग से बताने लगें, या कोई ऑब्जेक्ट दिखायें या किसी और बात को ऐसे बतायें जैसे कुछ नया होने वाला है. इससे बच्चे का ध्यान उस जिद से हट जायेगा
हैप्पी ट्रीट से करें खुश- खाने-पीने से भी बच्चे का मूड चेंज हो जाता है. अगर बच्चा बहुत जिद कर रहा है और रो रहा है तो उसे पसंद के किसी फूड आयटम से सरप्राइस करें. वो फूड आयटम देने का तरीका भी सिंपल ना रखकर एंगेजिंग करें ताकि बच्चे का ध्यान अपनी बात से हट जाये
गुस्से वाले ट्रिगर्स को समझें- किसी खास बात से बच्चा ज्यादा इरिटेट होता है तो उस सिचुएशन को कम आने दें. अगर आपका बच्चा किसी फ्रेंड से ज्यादा फाइट करता है तो कोशिश करें कि थोड़ा डिस्टेंस बनाकर रखें ताकि वो हर बात पर एक दूसरे के साथ झगड़ा ना करें.
ये ट्रिक्स भी ट्राई करें- मॉरल बूस्ट और रिवर्स साइक्लॉजी भी ट्राई कर सकते हैं. जैसे बच्चा कोई टॉय शेयर करने में मना कर रहा है तो उसे ये कहकर मोटिवेट करें कि बेबी तो बहुत गुड है और अपने सभी टॉय शेयर करता है. इससे बच्चे खुश होकर शेयरिंग करते हैं. रिवर्स साइक्लॉजी में बच्चे को बोलें कि ये तो अपनी कोई टॉय शेयर ही नहीं करता तो बच्चा उसके ऑपोजिट जाकर अपने खिलौने दे देता है.