Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : RTE का उल्लंघन, लाखों नौनिहालों को पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षक

छत्तीसगढ़ : RTE का उल्लंघन, लाखों नौनिहालों को पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षक

35
0

शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के मापदंडों के खिलाफ प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में शिक्षक अभी भी पढ़ा रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक अभी भी निजी और सरकारी स्कूलों में 43 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने प्रशिक्षण लिया ही नहीं है और न ही इसके लिए कोई कोर्स ही किया है, जबकि आरटीई के नियमानुसार अप्रशिक्षित शिक्षकों को 31 मार्च 2015 तक ही प्रशिक्षित कर लेना था। पिछले सालों में राज्य सरकार ने अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित कराने के लिए डीएड और डीएलएड कोर्स भी कराए। इसके बावजूद अभी तक अप्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों में जमे हुए हैं। केंद्र सरकार का फरमान था कि 31 मार्च 2019 तक सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है।

इसके लिए केंद्र सरकार ने देश भर के अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) कोर्स कराया था। निजी और सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों को यह कोर्स करना था इसके बाद भी कुछ शिक्षकों ने यह कोर्स नहीं किया। निजी स्कूलों में भी अप्रशिक्षितों के हवाले बच्चों को छोड़ दिया गया है।

यह है प्रदेश के शिक्षकों के प्रशिक्षण की स्थिति

– 269870 शिक्षक प्रदेशभर में संचालित

– 124341 ने किए डिप्लोमा डीएलएड, डीएड

– सर्टिफिकेट कोर्स य 15629 बीएड वाले शिक्षक हैं कार्यरत

– 64571 बीएड के समकक्ष वाले शिक्षक

– 2152 एमएड करने वाले शिक्षक

– 5095 डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन

– 10841 कोई अन्य तरह का सर्टिफिकेट

– कोर्स य 43605 शिक्षक कोई भी कोर्स नहीं किए हैं

– 3636 अभी कोर्स कर रहे हैं

फिसड्डी साबित हुआ शिक्षा विभाग

राज्य सरकार शिक्षकों को पढ़ाने लायक बनाने में फिसड्डी साबित हुई है। आरटीई के तहत शिक्षकों को 31 मार्च, 2015 तक प्रशिक्षित करना था, लेकिन अभी भी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे सारे शिक्षकों को पढ़ाने लायक अभी भी नहीं बना पाए हैं। प्रदेश में आरटीई एक अप्रैल 2010 को राज्य में लागू हुआ था। आरटीई के धारा 23 (2) में आठवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को पांच साल के अंदर बीएड, डीएड के जरिए प्रशिक्षित करना था, लेकिन यह लक्ष्य अभी तक अधूरा है।

– सरकारी स्कूल के शिक्षकों को एनआइओएस के जरिए प्रशिक्षित किया गया है। इन आंकड़ों को देखना पड़ेगा इनमें निजी और सरकारी शिक्षक दोनों ही शामिल होंगे। पहले की तुलना में अप्रशिक्षित शिक्षक कम हुए हैं। – एस. प्रकाश, संचालक, स्कूल शिक्षा