Home मनोरंजन बर्थडे स्पेशल : चाहे मुझे कोई जंगली कहे…फेम शम्मी कपूर का है...

बर्थडे स्पेशल : चाहे मुझे कोई जंगली कहे…फेम शम्मी कपूर का है आज जन्मदिन…

39
0

‘चाहे मुझे कोई जंगली कहे, कहता रहे….’ जंगली के इस गाने ने शम्मी कपूर को स्टार बना दिया था। शम्मी कपूर, जिनका आज जन्म दिन है। वही शम्मी कपूर जो लीजेंडरी पृथ्वीराज कपूर के पुत्र तथा राज कपूर और शशि कपूर के भाई थे।

शम्मी कपूर की पहली फ़िल्म रेल का डिब्बा 1953 में आई लेकिन उनकी की आरंभिक फिल्में सफल नहीं रही थी। ‘लैलामजनू,’ ‘ठोकर’ ‘मेम साहिब’ ‘चोर बाजार’ जैसी फिल्में उस समय की मशहूर नायिकाओं के होने बावजूद नहीं चली।

दरसअल वह दौर त्रिमूर्तियों का था। राज कपूर, देव आनंद और दिलीप कुमार का। इन तीनों की अपनी छवि थी देव साहब जहां रोमांस को अलग अंदाज में पेश कर रहे थे वही दिलीप कुमार ट्रेजेडी किंग कहे जाते थे। राज कपूर भोले भाले जीवंत भारतीय के किरदार में अपने को पेश कर रहे थे। ऐसे शम्मी कपूर के सामने बड़ी चुनौती थी अपने को अलग अंदाज में दिखाने की जिसे दर्शक पसंद कर सकें।

तभी 1961 में उन्हें जंगली मिली और उन्होंने अपने आप को चुलबुले प्लेबॉय के रूप में पेश कर दिया। हिंदी सिनेमा के आकाश पर एक नये सितारे जन्म हो गया। शम्मी कपूर स्टार बन गए। फिर तो हिट फिल्मों की लाइन लग गयी। कॉलेज गर्ल, बसंत, सिंगापुर, बॉयफ्रेंड, प्रोफेसर, प्यार किया तो डरना क्या, चाइना टाउन, कश्मीर की कली,ब्लफ मास्टर, उनकी सफल फिल्में थी 1968 में उन्हें ब्रह्मचारी फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड मिला।

1970 से 1990 के बीच उन्होंने अपने आपको सह अभिनेता के रूप में ढाल लिया था। उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फ़िल्मफ़ेअर अवार्ड भी मिला। उन्होंने प्रोडक्शन में भी हाथ आजमाया। अपनी मृत्यु के कुछ समय पहले अपने भतीजे रणवीर कपूर अभिनीत इम्तियाज अली निर्देशित फिल्म रॉकस्टार बनाई थी।

शम्मी कपूर ने गीता बाली से 1955 में शादी की थी। जिनसे उन्हें पुत्र आदित्य राजकपूर और कंचन पुत्री हुई। गीता बाली का देहावसान 1965 में चेचक से हो गयी थी। फिर शम्मी कपूर ने 1969 में भावनगर की राजकुमारी नीला देवी से शादी की।

अपने समय की नामचीन नायिका मुमताज ने 2011 में एक इंटरव्यू में कहा था कि शम्मी साहेब मुमताज को बेहद चाहते थे और शादी भी करना चाहते थे। उन दोनों के बीच रोमांस ब्रह्मचारी फ़िल्म के शूटिंग के दौरान परवान चढ़ा था, लेकिन मुमताज फिल्मी कैरियर छोड़ना नहीं चाहती थी इसलिए यह रोमांस विवाह में नहीं बदल सका।

शम्मी कपूर नेटसेवी भी थे। वे इंटरनेट यूजर्स कम्युनिटी ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष थे। एथिकल हैकर्स एसोसिएशन जैसी इंटरनेट संस्थाओं को बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।

शम्मी कपूर का निधन मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में 14 अगस्त 1911 को हुआ था।