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छत्तीसगढ़ : मिट्टी के दीये बेचने वालों से निगम नहीं वसूलेगा टैक्स

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महापौर प्रमोद दुबे ने दिवाली के मद्देनजर नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मिट्टी के दीये बेचने वालों से किसी भी प्रकार से टैक्स की वसूली न की जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि निगम द्वारा उन्हें किसी भी तरह से बदनाम न किया जाए। महापौर ने बताया कि निगम सीमा के अंतर्गत विभिन्न बाजारों में दिवाली के सीजन में मिट्टी के दीये बेचने आते हैं। अन्य ठेले, पसरे, खोमचे वालों से हर ठेले वालों की तरह उनसे भी टैक्स लिया जाता है, जो अब नहीं लिया जाएगा।

फलों पर स्टीकर लगाना प्रतिबंधित, व्यापारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

छत्तीसगढ़ में मिलावटखोरों के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। बीते दिनों विभाग ने त्यौहार से पहले कई संस्थानों में दबिश देकर भारी मात्रा में मिलावटी सामान बरामद किया है। इस दौरान ही खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने पाया कि फल में स्टीकर लगे हुए हैं, जबकि स्टीकर लगाना प्रतिबंधित है। विक्रेताओं को हिदायत दी गई कि वे स्टीकर लगे फलों को न बेंचे।

साथ ही जनता से भी स्टीकर लगे हुए फल नहीं खरीदने की अपील की है। वहीं नियमों का उल्लंघन करने वाले फल विक्रेताओं को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण और विक्रय करते पाया जाएगा तो उनके विरूद्घ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाजार में बिकने वाले सेब, आम, संतरा, अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती फलों में स्टीकर चिपके होते हैं। अधिकांश व्यापारी फल के ऊपर स्टीकर का इस्तेमाल प्रीमियम दिखाने या कई बार फलों के खराब हिस्सों की खामियां छुपाने के लिए करते हैं।

फलों पर जो स्टीकर चिपके होते है उन पर व्यापारी की ब्राण्ड का नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम भी लिखा होता है। फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने के लिए करते है, जो नियमों के विरुद्ध है।