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मेट्रो स्टेशनों पर मिलेगी सुपर ई-बाइक, जानें किराये से लेकर बुकिंग का तरीका

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दिल्ली मेट्रो की फर्स्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए अब मेट्रो स्टेशनों पर सुपर स्मार्ट इलेक्ट्रिक बाइक की सुविधा उपलब्ध होगी। मेट्रो रेल नेटवर्क के सभी मेट्रो स्टेशनों पर इस सुविधा को मुहैया कराने के लिए डीएमआरसी ने निजी ई-व्हीकल कंपनी यूलु के साथ करार किया है। यह बाइक बैटरी से चलेगी और इसकी रफ्तार साइकिल से थोड़ी तेज होगी। पहले फेज के तहत सोमवार को दिल्ली मेट्रो के 7 मेट्रो स्टेशनों पर यह सुविधा शुरू कर दी गई। दिल्ली मेट्रो रेल नेटवर्क की येलो लाइन पर दिल्ली हाट आईएनए, जोर बाग और पटेल चौक, ब्लू लाइन के मंडी हाउस और प्रगति मैदान तथा वॉयलेट लाइन के खान मार्केट और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम मेट्रो स्टेशनों पर इन ईको फ्रेंडली बाइक को मेट्रो यात्रियों के लिए उपलब्ध कराया गया है। इन बाइक्स की खासियत यह होगी कि इन्हें ऑपरेट करने के लिए मेट्रो यात्रियों को अपने मोबाइल में यूलु ऐप को डाउनलोड करना होगा। ऐप के जरिए बाइक पर लगे क्यू आरकोड को स्कैन करना होगा। इसके बाद बाइक का कंट्रोल बाइक सवार के हाथ में होगा।

बाइक चलाने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं

इस बाइक में महज 45 किलो वजन है और इसे 12 साल के बच्चे और महिलाएं आसानी से चला सकते हैं। इसे चलाने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। इसकी रफ्तार साइकिल की तरह होगी, लेकिन यह छोटी स्कूटी के तरह काम करेगी, जिसमें ब्रेक और रेस का विकल्प हाथों में होगा। यह बाइक एक बार बैटरी चार्ज होने पर करीब 60 किमी तक दौड़ेगी। फिलहाल सात मेट्रो स्टेशनों पर 250 बाइक को उपलब्ध कराया गया है।

दिसंबर तक उपलब्ध होंगी 5 हजार बाइक

इन बाइकों का संचालन करने वाली कंपनी की मानें तो डीएमआरसी ने सभी मेट्रो स्टेशनों पर इनके प्रयोग के लिए पार्किंग मुहैया कराने का करार किया है। दिसंबर 2019 तक दिल्ली मेट्रो के स्टेशनों पर 5 हजार सुपर स्मार्ट बाइक उपलब्ध करा दी जाएंगी। अगले साल 2020 के शुरूआती महीनों में दिल्ली-एनसीआर के मेट्रो रेल नेटवर्क पर 2500 बाइक उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।

ऐसे मिलेगा यात्री को लाभ, चोरी करना भी आसान नहीं

यदि किसी यात्री को मेट्रो स्टेशन के 60 किमी के दायरे में कोई काम है तो वह इन बाइकों का इस्तेमाल कर सकता है। इसके लिए उसे प्रति घंटा लगभग 70 रुपये चुकाने होंगे। बाइक लेने के लिए यात्री के मोबाइल नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन होगा। एक ओटीपी के बाद इसे चलाने की अनुमति मिलेगी। यदि कोई बाइक चोरी कर भागने का प्रयास करता है तो उसमें जीपीएस लगा है, जो मेट्रो से कनेक्ट रहेगा। बावजूद इसके, यदि कोई चोरी करने में सफल भी हो जाता है तो वह इसकी बैटरी कभी चार्ज नहीं कर पाएगा। मेट्रो अधिकारी के मुताबिक, इसका डिजाइन कुछ इस तरह से किया गया है कि इसकी बैटरी नहीं निकाली जा सकती है। इसे सिर्फ मेट्रो के चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज किया जा सकेगा।