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‘कांगो’ वायरस से गुजरात में मचा कोहराम, 2 महिलाओं समेत 3 की मौत, 30 संदिग्ध मिले

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गांधीनगर। क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक फीवर (CCHF) के प्रकोप के चलते गुजरात के कई जिलों में कोहराम मच गया है। यहां इस प्राणघातक बीमारी के 30 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। 2 महिलाओं समेत तीन लोगों की जानें इस वायरस की वजह से चली गई हैं। जिन लोगों में कांगो वायरस के लक्षण मिले हैं, उनमें से ज्यादातर यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश के मजदूर हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, यह वायरस पालतू पशुओं के जरिए फैलता है। वहीं, इससे पहले ‘चांदीपुरा’ वायरस का प्रकोप भी देखने को मिला था। इस वायरस ने छोटे बच्चों को शिकार बनाया।

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क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक फीवर ने मचाया कोहराम

स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात के मोरबी जिले में इस खतरनाक वायरस के 11 संदिग्ध मामले पाए गए हैं। उन लोगों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे सभी 11 लोग प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करते हैं। वे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के मजदूर हैं। उन लोगों के रक्त के नमूने लैब भेजे गए हैं। जो रिजल्ट मिलेगा, उसके आधार पर आगे की तैयारी होंगी। वहीं, इस वायरस के लक्षण मिलने पर स्वास्थ्य विभाग इलाज के तरीके भी ढूंढ रहा है। विशेष रूप से इस तथ्य पर विचार करते हुए कि उच्च-संक्रामक रोग की मृत्यु दर 40 प्रतिशत है।

भारत में पहली बार गुजरात में ही पनपा ‘कांगो’ वायरस

भारत में गुजरात से पहले कांगो वायरस का हमला कहीं नहीं हुआ था। यह प्राणघातक संक्रमण अफ्रीका, यूरोप एवं अन्य कुछ एशियाई देशों में फैलता था। वर्ष 2001 के दौरान कोसोवो, अल्बानिया, ईरान, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में इसके काफी केसेज दर्ज किए गए। इस बीमारी की चपेट में आने वाले व्यक्तियों की मौत की आशंका बहुत ज्यादा होती है। एक बार संक्रमित हो जाने पर इसे पूरी तरह से शरीर में फैलने में तीन से नौ दिन लग सकते हैं।

यह हैं इस प्राणघातक बीमारी से जुड़े लक्षण

कांगो वायरस से संक्रमित होने पर बुखार के एहसास के साथ शरीर की माँशपेशियों में दर्द, चक्कर आना और सर में दर्द होता है। आँखों में जलन होती है और रोशनी से डर लगने लगता है। कुछ लोगों को पीठ में दर्द और मितली होती है और गला बैठ जाता है।

राज्य में इसके कितने मरीज, इसकी सही संख्या नहीं पता

स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक (महामारी) दिनकर रावल के अनुसार, राज्य में CCHF के छह पुष्ट मामले हैं और उनमें से तीन की पहले ही मौत हो चुकी है। जबकि शेष राज्य के अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड में इलाज करा रहे हैं। हालांकि, रावल ने राज्य में सीसीएचएफ के संदिग्ध मामलों की संख्या स्पष्ट नहीं की।

भावनगर में 2 महिलाओं की मौत

मोरबी से संदिग्ध मामलों के अलावा, तीन अन्य मरीजों को भावनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले कमलेज गांव की महिला की 22 अगस्त को मौत हो गई थी। भावनगर में दो अन्य मौतों की पुष्टि भी हुई। जिनमें एक अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में और दूसरी सुरेंद्रनगर में सीयू शाह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई।

जहां की 2 महिलाओं की मौत हुई, उसी गांव में खतरा ज्यादा

सुरेंद्रनगर के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सीके परमार ने कहा, ‘सुरेन्द्रनगर के अस्पताल में मरने वाली महिला और उसी गाँव के रहने वाले लोगों पर भी खतरा है। हमने इस गांव के चार अन्य रिश्तेदारों के नमूने पुणे भेजे हैं, जिन पर कांगो वायरस होने का संदेह है।’

स्वास्थ्य-पशुपालन विभाग का पूरा ध्यान जमडी गांव पर

‘स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग का पूरा ध्यान सुरेंद्रनगर के जमडी गांव पर है। एक डॉक्टर को दिन के दौरान गांव में प्रतिनियुक्त किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी रोगी को बुखार, उल्टी या अनियंत्रित ब्लीडिंग के लक्षण दिखाई देते हैं और तुरंत उपचार के लिए अहमदाबाद भेज दिया जायेगा।’

15 साल के लड़के में मिले लक्षण

इस बीच, अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक एमएम प्रभाकर ने कहा कि, सीसीएचएफ के दो और संदिग्ध मामलों को संक्रामक रोग वार्ड में भर्ती कराया गया है। एक राजस्थान का 15 साल का लड़का है, जबकि दूसरा मामला बोटाद का है। अधीक्षक ने कहा, हमने नमूने को एनआईवी को भेज दिया है और परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।

यहां कोई ताजा मामला नहीं मिला

अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के अधिकारी ने कहा कि एसवीपी अस्पताल में कोई भी ताजा संदिग्ध मामला दर्ज नहीं किया गया। साथ ही डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के सेंपल, जो कांगो वायरस की वजह से मरे शख्स के संपर्क में आए लोगों के थे, वे ​निगेटिव पाए गए हैं। यानी, वे लोग कांगो वायरस की चपेट में नहीं आए। अधिकारियों ने यह भी कहा कि मृतक और हलवद के दो अन्य रोगियों को छोड़कर, अन्य सभी सेंपल्स का टेस्ट निगेटिव रहा है।