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मंदी में ठंडा हुआ टीवी-फ्रिज का बाजार

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ऑटो और स्टील सेक्टर का बाजार मंदी का शिकार हुआ है तो टीवी-इलेक्टॉनिक्स आइटमें की भी स्थिति ठीक नहीं है।

जागरण संवाददाता रांची : ऑटो और स्टील सेक्टर का बाजार मंदी का शिकार हुआ है तो टीवी-मोबाइल और दूसरे व्हाइट गुड्स (टीवी, फ्रिज और अन्य मैकेनिकल उत्पाद) पर भी मंदी का असर दिख रहा है। रांची समेत पूरे झारखंड में टीवी की बिक्री सुस्त पड़ने से कंपनियों को नए सेट के लिए ऑर्डर नहीं मिल रहे। बाजार में दुकानदार इंवेंट्री ( दुकान में पहले से रखे सामान) की समस्या से जूझ रहे हैं। एलजी, सोनी, पैनासोनिक जैसी कंपनियां उत्पादन में कटौती करने जा रही हैं। इससे हजारों लोगों की नौकरियों पर असर पड़ेगा सो अलग।

रांची में पिछली तिमाही के आंकड़ों को देखें तो टीवी बेचने वाली बीपीएल, सोनी, सैमसंग, पैनासोनिक जैसी कंपनियों की बिक्री 20 फीसदी तक घटी है। इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी एंड रिसर्च के डायरेक्टर मनीष तिवारी का कहना है कि रांची जैसे शहरों में बिक्री घटने की वजह से बड़ी कंपनियां परेशान हैं। बड़े शहरों में पहले से सेचुरेशन हो चुका है। ऐसे में कंपनियों ने अपने उत्पादन में 20 फीसदी की कटौती कर दी है। मेन रोड में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाने वाले आशीष मोदी कहते हैं कि बाजार को उम्मीद थी कि गर्मी की छुट्टियों और क्रिकेट विश्वकप के दौरान बिक्री बढ़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डीलर के पास पड़ा है पुराना स्टॉक : डीलरों ने अच्छी बिक्री की उम्मीद में काफी स्टॉक मई की शुरुआत में मंगा लिया था। लेकिन सेल में ज्यादा डिमांड नहीं आया। इस वजह से इन डीलरों के पास पहले का स्टॉक ही पड़ा हुआ है।

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अब तो फेस्टिव सीजन में उम्मीद : हालाकि कंपनियों को उम्मीद है कि अक्टूबर से शुरू होने वाले फेस्टिव सीजन में इलेक्ट्रॉनिक्स के अन्य उत्पादों जैसे फ्रिज, वाशिग मशीन की बिक्री बढ़ने के संकेत हैं। कंपनिया और डीलर वॉशिग मशीन जैसे होम अप्लायंसेज की बिक्री पर विशेष ध्यान दे रही हैं। मानसून के मौसम में वाशिग मशीन की बिक्री ज्यादा होती है हालाकि पिछले महीने इसमें भी मंदी रही है। यदि अगस्त में डिमाड नहीं बढ़ती है तो कंपनिया उत्पादन कम करने की सोचेंगी।

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लोन लेने में भी दिलचस्पी घटी

टीवी, फ्रीज समेत अन्य इलेक्ट्रानिक उत्पाद खरीदने के लिए लोग बजाज फाइनांस, एसबीआई, आईडीबीआई जैसे संस्थाओं का सहयोग लेते हैं। आसान किश्तों पर लोन लेकर लोग सामान लेते हैं। लेकिन पिछले तीन महीनों में इन संस्थाओं के पास भी ग्राहकों की संख्या कम हुई है। वित्तीय सलाहकार शशांक भारद्वाज ने बताया कि लोगों के पास नकदी की कमी पहले से है। नया लोन लेकर लोग इसके भुगतान को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। इसके अलावा लग्जरी सामान खरीदने पर जीएसटी की दर भी लोगों को नई खरीदी से रोक रही है।

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दूसरे कारोबार में जाने के लिए होंगे मजबूर : इलेक्टॉनिक्स उद्योग में मंदी से व्यापारी परेशान हैं। स्थितियां नहीं सुधरीं तो व्यापारी दूसरे उद्योग में भी हाथ आजमाने की सोच रहे हैं। कोकर और बरियातू के कुछ व्यापारियों का कहना है कि वे अब इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की जगह दूसरे सेक्टर में व्यापार करने की सोच रहे हैं।