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इस्तीफे की ज़िद पर अड़े राहुल गांधी, नया अध्यक्ष ढूंढने के लिए 4 दिनों में फिर होगी CWC की मीटिंग

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लोकसभा चुनावों 2019 में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधीइस्तीफा देने की ज़िद पर अड़े हुए हैं. कांग्रेस के दो सीनियर नेताओं केसी. वेणुगोपाल और अहमद पटेल ने उन्हें मनाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन राहुल ने साफ कह दिया कि पार्टी उनका रिप्लेसमेंट जल्द ढूंढ लें. राहुल अब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर नहीं, बल्कि कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहते हैं. ऐसे में खबर है कि कांग्रेस चार दिनों में वर्किंग कमिटी की मीटिंग बुलाने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में राहुल गांधी के रिप्लेसमेंट पर विचार किया जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग में आखिरी बार राहुल गांधी को मनाने की कोशिश होगी, फिर भी अगर वह अपनी ज़िद पर अड़े रहे, तो उनकी जगह लेने के लिए कुछ सीनियर नेताओं के नामों पर विचार किया जाएगा. नए अध्यक्ष के लिए किन नामों की चर्चा है, फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहा गया है.

कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने के काम करेंगे राहुल

बता दें कि शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग के दौरान राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी. उन्होंने कहा था कि वह एक सामान्य कार्यकर्ता की हैसियत से काम करना चाहते हैं. राहुल ने ये भी कहा था कि वह देश भर में घूम कर कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने का काम करेंगे.

कोई नॉन गांधी को नया अध्यक्ष
इस्तीफा देते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका का नाम भी आगे न बढ़ाया जाए. उनका रिप्लेसमेंट कोई नॉन गांधी होना चाहिए.

बड़े नेताओं से हैं नाराज़
इससे पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं के ढीलेपन को लेकर उन पर निशाना साधा था. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी से आगे अपने बेटों को रखा. उन्हें टिकट दिलाने के लिए दबाव बनाया गया. इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम शामिल है.

इन नेताओं के बच्चों को मिली चुनाव में हार
चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता देव, कमलनाथ के बेटे और चिदंबरम के बेटे हार गए. जब राहुल गांधी ने बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी, तो पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भावुक हो गए. उन्होंने कहा था कि अगर राहुल गांधी इस्तीफा देते हैं, दक्षिण से कांग्रेस कार्यकर्ता सुसाइड कर सकते हैं.

नए सांसदों से मिलने से किया इनकार
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल ने नवनिर्वाचित सांसदों से मिलने से इनकार कर दिया है. राहुल ने सभी बैठकें और अन्य कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.

राहुल को मिला प्रियंका का साथ
हालांकि, राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने बताया, वह इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं, लेकिन वह पद को ‘खाली’ नहीं छोड़ेंगे. नया अध्यक्ष चुनने के लिए वे पार्टी को समय देंगे. राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी कथित तौर पर उनके फैसले के साथ हैं.

सुरजेवाला ने इस्तीफे की खबरों को किया खारिज
दूसरी ओर अटकलों के बीच कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने CWC की ओर से जारी एक बयान ट्वीट कर के स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी के इस्तीफों की अटकलें गलत हैं.

हार के बाद अब तक 13 नेताओं का इस्तीफा
लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद अब तक 13 बड़े नेता इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. सबसे पहले महाराष्ट्र में पार्टी के प्रभारी अशोक चव्हाण ने इस्तीफा देने की बात कही थी. इसके बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, झारखंड कांग्रेस चीफ अजय कुमार और असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने इस्तीफा दिया. यूपी कांग्रेस चीफ राज बब्बर, ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक भी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं.

इसके अलावा मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सीएम कमलनाथ ने भी राज्य में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की बात कही थी