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दिल्ली की सातों सीट पर फिर जीती बीजेपी, पर जानें क्यों खुश है कांग्रेस

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देश की राजधानी दिल्ली में इस बार भी लोकसभा चुनाव में सभी क्षेत्रों में कमल खिला और सभी सात सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी विजयी रहे. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के इतिहास को दोहराने में बीजेपी सफल रही. बीजेपी के लिए सबसे खुशी की बात यह है वह कांग्रेस और प्रदेश में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) दोनों के वोट शेय़र को मिलाकर भी बीजेपी के वोट शेयर से नीचे रहे. बीजेपी का वोट शेयर 56 प्रतिशत रहा जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 23 प्रतिशत और आप को 18 प्रतिशत ही वोट मिले. इस तरह दोनों प्रमुख दलों का वोट शेयर मिलाकर भी 41 प्रतिशत ही रहा. दूसरे शब्दों में कहें तो आप तीसरे स्थान पर रही. कांग्रेस के लिए यह अच्छी खबर है. वह वोट परसेंटेज में भी आप से आगे रही और सात में से उसके पांच प्रत्याशी दूसरे स्थान पर भी रहे. यहां यह उल्लेखनीय है कि एक साल बाद ही दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने हैं और 70 में से 67 सीटों पर विजयी रही. आप के लिए तीसरे स्थान पर आना बीजेपी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है.

लोकसभा चुनाव के परिणाम से प्रत्यक्ष तौर पर तो कांग्रेस को कोई लाभ नहीं हुआ लेकिन परोक्ष रूप से वह आप पर दबाव बनाने में सफल होती दिख रही है. खासकर इस लिए सात लोकसभा क्षेत्रों में से पांच पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही है. बीजेपी के सभी सात प्रत्याशी क्रमश: ईस्ट दिल्ली से गौतम गंभीर, नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी, चांदनी चौक से हर्षवर्धन, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली से मनोज तिवारी, साउथ दिल्ली से रमेश बिधूड़ी, वेस्ट दिल्ली से प्रवेश वर्मा और नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली से हंसराज हंस चुनाव जीत चुके हैं.

कांग्रेस पांच प्रत्य़ाशी क्रमश: चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल, ईस्ट दिल्ली से अरविंदर सिंह लवली, नई दिल्ली से अजय माकन और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से शीला दीक्षित दूसरे स्थान पर रहे. आप के गुग्गन सिंह नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली और राघव चड्ढा साउथ दिल्ली में दूसरे स्थान पर हैं. इस तरह कांग्रेस दिल्ली में इस लोकसभा चुनाव में आप पर भारी रही. इन चुनाव परिणामों की मनोवैज्ञानिक बढ़त कांग्रेस को मिल गई.