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पूरी दुनिया में कमाल कर रहा है गुजरात का नमक, जानें वजह

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इन दिनों गुजरात कई मामलों में देश का नाम रोशन कर रहा है, लेकिन क्या आप मानेंगे कि गुजरात के नमक को भी इन दिनों यूरोप, अमेरिका और चीन में हाथोंहाथ लिया जा रहा है. कहा जा सकता है कि यहां कच्छ का नमक पूरी दुनिया में कमाल कर रहा है.

गुजरात देश का ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा नमक का उत्पादन होता है. ज्यादातर नमक का उत्पादन कच्छ की खाड़ी और आसपास के इलाकों में होता है. पिछले तीन सालों में यहां के नमक को दुनियाभर में मान्यता मिल रही है.

आपको ये भी बता दें कि 1930 में गांधीजी ने जिस दांडी में पहुंच कर खुद नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोड़ा था, वो गुजरात में ही है.

खाने नहीं बल्कि इस काम में होता है इस्तेमाल 
शायद आपको लग रहा होगा कि गुजरात के नमक में ऐसा क्या है, जो वो दुनिया में कमाल कर रहा है, तो हम ये भी बता देते हैं कि ये कमाल खाने का स्वाद बढ़ाने में नहीं, बल्कि किसी और काम में हो रहा है.

गुजरात में ढेर लगाकर नमक का उत्पादन
गुजरात का नमक बड़े पैमाने पर अमेरिका, यूरोप और एशिया के वह देश इस्तेमाल कर रहे हैं, जहां जमकर बर्फबारी होती है और सड़कों से इसे हटाना मुश्किल हो जाता है. ऐसी जगहों पर पहले तो  महंगे रसायन का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब उसका स्थान गुजरात के सस्ते नमक ने ले लिया है.

सड़कों से बर्फ हटाने में बहुत असरदार
गौरतलब है कि जैसे ही बर्फ पर नमक छिड़का जाता है, ये तेजी से पिघलने लगती है. नमक सोडियम क्लोराइड का काम करता है. इससे पिघलने वाली नमक से सड़क पर वाहनों के फिसलने का खतरा भी नहीं के बराबर होता है. पहले तो गुजरात से हल्की क्वालिटी का नमक भेजा जाता था, लेकिन अब इन देशों में यहां से वो नमक जा रहा है, जिसकी क्वालिटी बेहतर होती है.

कच्छ में समुद्र का वो इलाका जहां, समुद्री पानी के सूखने के बाद नमक ही नमक नजर आ रहा है

तीन साल में दोगुने से ज्यादा बढ़ गया निर्यात
इंडियन साल्ट मेन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन (आईएसएमए) का कहना है कि गुजरात से पिछले तीन सालों में चीन के रास्ते यूरोप और अमेरिका जाने वाले नमक का एक्सपोर्ट दोगुने से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है. नमक को चीन के रास्ते इसलिए भेजा जाता है, क्योंकि इससे ये ज्यादा सस्ती पड़ती है.  2015-16 में गुजरात से चीन के लिए नमक का एक्सपोर्ट अगर 22.17 लाख टन था तो अब 2017-18 में ये बढ़कर 48 लाख टन हो चुका है.

ये भी जानिए

    • गुजरात देश का प्रमुख नमक उत्पाद राज्य है. ये उत्पादन क्षेत्र 1600 किमी कोस्टल एरिया में फैला है. यहां बड़ी मात्रा में नमक और मरीन प्रोडक्टस का उत्पादन किया जाता है.
    • गुजरात नमक उत्पादन में पूरे देश का 76 फीसदी योगदान करता है.
    • गुजरात नमक निर्यात में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है. देश में नमक निर्यात का 90 फीसदी गुजरात से ही होता है.
गुजरात के प्रमुख नमक उत्पादक क्षेत्र –

 

जामनगर, मिठापुर, झाकर, चीरा, भावनगर, राजुला, दहेज, गांधीधाम, कांडला, मालिया, लावणपुर

 

यूरोप में लारियों में नमक भरकर उन्हें बर्फ से भरी सड़कों से गुजारा जाता है, जो थोड़े समय बाद पिघलना शुरू हो जाता है

कैसे बर्फ को पिघला देता है नमक 

 

सड़क पर गिरी हुई बर्फ बहुत खतरनाक होती है. ये सतह को एकदम चिकनी बना देती है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए सड़क पर नमक और रेत का छिड़काव किया जाता है. नमक बर्फ को जल्द पिघलने में मदद करता है और रेत पहियों और रोड के बीच का घर्षण बढाने का काम करती है.

 

कई बार बर्फबारी से पहले ही सड़क पर रेत और नमक डाल दी जाती है, जिससे बर्फबारी के बाद बर्फ पिघलने में देर नहीं लगती

नमक बर्फ पर पड़ते ही उसके पिघलने के तापमान को गिरा देता है. ठंडे देशों में बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया सीधी सीधी नहीं होती. बल्कि बर्फ धीरे धीरे पिघलती है और बर्फ के पिघलने पर जो पानी बनता है तो भी अक्सर बर्फ बन जाता है. लेकिन नमक इसे सीधे पानी में तब्दील कर देता है.