भिलाई-
टाउनशिप में डेंगू के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को 5 नए मरीज मिले हैं। इन सभी को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। गुरुवार को कुल 8 मरीज मिले हैं, जिनमें 5 सेक्टर-2 के हैं। शेष में एक सेक्टर-4, एक सेक्टर-6 और एक स्मृतिनगर निवासी है। इन सभी मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। उन्हें पिछले तीन से चार दिन से बुखार की शिकायत थी। इसके आधार पर उनकी डेंगू जांच की गई, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
जिले में 21 जुलाई से अब तक 50 डेंगू मरीज मिल चुके हैं। इसमें 5 बीएसएफ के जवान हैं। उनमें से सिर्फ एक को हेल्थ विभाग ने अपनी सूची में शामिल किया है। शेष 4 डेंगू संक्रमित जवान हेल्थ विभाग की सूची में शामिल नहीं किए गए हैं। इस वजह से हेल्थ विभाग की सूची में जिले में सिर्फ 46 डेंगू मरीज बताए जा रहे हैं। जबकि आंकड़ा 50 पहुंच चुका है।
इधर डेंगू के बढ़ते खतरे को देखते हुए डोर-टू-डोर जांच शुरू कर दी गई है। नियमित रूप से शाम के समय फॉगिंग कराई जा रही है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि मच्छरदानी का उपयोग करें। सुबह और शाम के समय अनिवार्य रूप से खिड़की और दरवाजे बंद रखें। डेंगू का संक्रमण फैलाने वाला एडीज मच्छर सुबह और शाम के समय सक्रिय होता है।
सेक्टर 2 में बढ़ रहे मरीज, जमा पानी हटाने का काम तेज
सेक्टर 2 की सड़क नंबर 3 अब भी डेंगू का हॉट स्पॉट बना हुआ है। संक्रमण को रोकने के लिए स्थानीय निकाय द्वारा किए गए प्रयास बहुत असरदार नहीं साबित हुए हैं। लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए इस क्षेत्र में विशेष रूप से सफाई अभियान चलाया जा रहा है। जमा पानी की निकासी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि मच्छर न पनपे। इधर अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। जमा पानी हटाए जाने के निर्देश भी दिए।
अब डोर-टू-डोर सर्वे होगा, हर मरीज की पहचान भी होगी
इधर जिला प्रशासन ने डेंगू को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। विशेष रूप से दुर्ग, भिलाई, भिलाई-चरोदा और रिसाली के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। मच्छर उन्मूलन के लिए अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने डेंगू और मच्छरों से होने वाले अन्य बीमारियों को देखते हुए मच्छर मुक्त निकाय अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने सभी जगहों पर जमा पानी की निकासी तत्काल सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से लगातार स्वास्थ्य अमला डोर-टू-डोर सर्वे कर रहा है। ताकि हर मरीज की पहचान हो सके।